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किशोरावस्था में मुंहासों का कारण, त्वचा की देखभाल के लिए दिनचर्या स्थापित करें

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हममें से अधिकांश ने अपने जीवन में कभी न कभी मुंहासों का सामना किया है। यह त्वचा से संबंधित एक सामान्य समस्या है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन किशोरावस्था में यह अधिक परेशान करती है। 12 से 30 वर्ष की आयु के लगभग 85% लोग मुंहासों से प्रभावित होते हैं। यदि आपके घर में टीनएज लड़का या लड़की है, तो दोनों ही इस समस्या से समान रूप से जूझ सकते हैं। ऐसे में अभिभावक के रूप में आपकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। आप अपने बच्चे को मुंहासों से पूरी तरह बचा नहीं सकते, लेकिन इस विषय में उसकी जानकारी बढ़ाकर उसे मदद जरूर कर सकते हैं। आपकी यह छोटी-सी कोशिश मुंहासों का सामना करने में बच्चे के लिए सहायक सिद्ध हो सकती है।

किशोरावस्था में मुंहासों का कारण

किशोरावस्था में होने वाले मुंहासों के लिए मुख्य रूप से हार्मोनल बदलाव जिम्मेदार होते हैं। इस दौरान शरीर में हार्मोन स्तर में वृद्धि से त्वचा में तेल (सीबम) का उत्पादन बढ़ जाता है, जिससे रोमछिद्र बंद हो सकते हैं और मुंहासे उत्पन्न हो सकते हैं। तैलीय त्वचा वाले किशोरों में यह समस्या अधिक देखी जाती है। चेहरे के अलावा, गर्दन, छाती, पीठ और कंधों पर भी मुंहासे हो सकते हैं।

त्वचा की देखभाल के लिए दिनचर्या स्थापित करें

बच्चे को त्वचा की नियमित देखभाल की आदत डालने में मदद करें:

  • क्लींजिंग: सुबह और शाम जेंटल क्लींजर से चेहरा धोने की आदत डालें ताकि गंदगी, तेल और मेकअप हट सके। नॉन-कॉमेडोजेनिक स्किन केयर प्रोडक्ट्स का उपयोग करें, जो रोमछिद्रों को बंद नहीं करते।
  • मॉइस्चराइजर: चेहरे को धोने के तुरंत बाद मॉइस्चराइजर का उपयोग करें ताकि त्वचा की नमी बरकरार रहे।
  • सन प्रोटेक्शन: एसपीएफ 30 या उससे अधिक वाले सनस्क्रीन का उपयोग करें ताकि सूरज की हानिकारक किरणों से त्वचा सुरक्षित रहे।

मुंहासों के कारणों को समझाएं

  • चेहरे की साफ-सफाई का ध्यान न रखना।
  • मुंहासों को बार-बार छूना, जिससे बैक्टीरिया फैल सकते हैं।
  • हार्मोनल बदलाव, जैसे किशोरों में टेस्टोस्टेरोन और किशोरियों में एंड्रोजन का स्तर बढ़ना।
  • मेकअप का अत्यधिक उपयोग, जिससे रोमछिद्र बंद हो जाते हैं।
  • किशोरियों में मासिक धर्म के दौरान हार्मोन स्तर में असंतुलन।
  • बालों के उत्पादों, जैसे लोशन, क्रीम, वैक्स आदि का उपयोग, जो त्वचा पर मुंहासे पैदा कर सकते हैं।
  • उच्च शर्करा और कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार का सेवन, जो मुंहासों को बढ़ा सकता है।
  • अत्यधिक तनाव, जो मुंहासों का कारण बन सकता है।

मुंहासों से निपटने के उपाय सिखाएं

  • समझाएं कि मुंहासे किशोरावस्था में होने वाली सामान्य समस्या है और इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। तनाव लेने से मुंहासों की समस्या बढ़ सकती है।
  • चेहरे या मुंहासों को बार-बार न छूने की सलाह दें, क्योंकि इससे बैक्टीरिया फैल सकते हैं।
  • नॉन-कॉमेडोजेनिक स्किन केयर प्रोडक्ट्स का उपयोग करें, जो रोमछिद्रों को बंद नहीं करते।
  • बेन्ज़ोयल पेरोक्साइड और सैलिसिलिक एसिड युक्त उत्पादों का उपयोग करें, जो मुंहासों के उपचार में सहायक होते हैं।
  • मुंहासों को न दबाएं या न फोड़ें, क्योंकि इससे बैक्टीरिया त्वचा में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और निशान छोड़ सकते हैं।
  • उच्च कार्बोहाइड्रेट और डेयरी उत्पादों के सेवन को सीमित करें।
  • अधिक पानी पीने के लिए प्रेरित करें, जिससे त्वचा के रोमछिद्र खुलेंगे और मुंहासों से जल्दी राहत मिलेगी।
  • आहार में मौसमी फल और सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं, जो त्वचा के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं।