दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट पर इस बार का चुनाव खासा रोमांचक होने वाला है। आम आदमी पार्टी (आप) की मुख्यमंत्री आतिशी के सामने भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने अपनी तेज-तर्रार नेता अलका लांबा को टिकट दिया है। मुख्यमंत्री रहते हुए आतिशी के लिए यह चुनाव उनकी लोकप्रियता और कामकाज पर जनमत संग्रह जैसा होगा।
कालकाजी सीट: एक नजर में इतिहास
कालकाजी सीट ने हमेशा रोचक मुकाबले देखे हैं।
- 1993: भाजपा की पूर्णिमा सेठी विजयी रहीं।
- 1998, 2003, 2008: कांग्रेस के सुभाष चोपड़ा ने इस सीट पर कब्जा जमाया।
- 2013: अकाली दल के हरमीत सिंह कालका ने जीत हासिल की।
- 2015: आम आदमी पार्टी के अवतार सिंह ने चुनाव जीता।
- 2020: आप की आतिशी ने भाजपा के उम्मीदवार को हराया।
मुद्दे जो बदल सकते हैं नतीजे
कालकाजी सीट पर पार्किंग और अतिक्रमण प्रमुख समस्याओं में से हैं।
- पेयजल और जलभराव: श्रीनिवासपुरी, गांधी कैंप, और कर्पूरी ठाकुर कैंप जैसे क्षेत्रों में जलभराव बड़ी समस्या बनी हुई है।
- अतिक्रमण: स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़कों पर अतिक्रमण ने यातायात में बाधा उत्पन्न की है।
- पार्किंग: श्रीनिवासपुरी में बहुस्तरीय पार्किंग का वादा अधूरा है, जिससे वाहन खड़ा करने को लेकर झगड़े आम हो गए हैं।
- सफाई और सीवर: गांधी कैंप और झुग्गी कॉलोनियों में सफाई और सीवर की समस्या गंभीर बनी हुई है।
- नशा: झुग्गी कलस्टरों में नशा भी एक बड़ी समस्या है।
कालकाजी में वोटरों का समीकरण
- कुल मतदाता: 1,85,837
- पुरुष मतदाता: 1,03,535
- महिला मतदाता: 82,296
(आंकड़े 29 अक्टूबर 2024 तक के हैं)
2020 विधानसभा चुनाव के नतीजे
- आम आदमी पार्टी: 55,897 वोट (52.28%)
- भाजपा: 44,504 वोट (41.63%)
- कांग्रेस: 4,965 वोट (4.64%)
स्थानीय लोगों की राय
- विक्की, अमृतपुरी:
“क्षेत्र में सड़कों पर अतिक्रमण की समस्या है। इससे गुजरने में काफी दिक्कत होती है।” - राजेश अरोड़ा, ईस्ट ऑफ कैलाश:
“श्रीनिवासपुरी में बहुस्तरीय पार्किंग बनाने का वादा पूरा नहीं हुआ। पार्किंग के अभाव में झगड़े आम हो गए हैं।”
चुनाव की अहमियत
कालकाजी का यह चुनाव न केवल मुख्यमंत्री आतिशी की लोकप्रियता को परखेगा, बल्कि भाजपा और कांग्रेस के लिए भी अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने का मौका होगा। भाजपा के रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस की अलका लांबा के बीच मुकाबला त्रिकोणीय रहेगा।