नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा कांग्रेस के पूर्व विधायक सुरेंद्र पंवार से करीब 15 घंटे की पूछताछ के दौरान ईडी के रवैये को मनमाना और अमानवीय बताया. इसके अलावा कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी को अवैध बताने वाले फैसले को सही माना गया है.
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि ईडी अधिकारियों का व्यवहार अमानवीय था क्योंकि मामला किसी आतंकवादी गतिविधि से नहीं बल्कि अवैध रेत खनन से संबंधित था।
पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. आपने एक व्यक्ति को बयान देने के लिए मजबूर किया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ ईडी की याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि हम हाई कोर्ट के उस आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते जिसमें कहा गया था कि आरोपी की गिरफ्तारी अवैध थी.
पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय का निष्कर्ष केवल यह तय करना था कि पंवार की गिरफ्तारी अवैध थी या नहीं।
पीठ ने अपने 2 दिसंबर के आदेश में कहा कि यह फैसला पीएमएलए, 2002 की धारा 44 के तहत विलंबित शिकायत के गुण-दोषों को प्रभावित नहीं करेगा।
कोर्ट ने कहा कि जांच में ईडी का रवैया चौंकाने वाला है जिसके तहत एक व्यक्ति को बयान देने के लिए मजबूर किया गया.
ईडी के वकील जोहब हुसैन ने कहा कि हाई कोर्ट ने गलत निष्कर्ष निकाला है कि पंवार से 14 घंटे 40 मिनट तक लगातार पूछताछ की गई थी. पूछताछ के दौरान उन्होंने डिनर ब्रेक की ओर इशारा किया.