करीब सवा साल से चल रहे इजरायल और हमास के युद्ध में अब शांति की संभावनाएं दिखाई देने लगी हैं। अमेरिका और अरब देशों के मध्यस्थों की कोशिशों से गाजा पट्टी में बंधकों की रिहाई और संघर्ष विराम पर बातचीत में रातोंरात अहम प्रगति हुई है। सोमवार देर रात तीन अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने माना कि यह वार्ता 15 महीने से चल रहे इस संघर्ष को समाप्त करने में निर्णायक हो सकती है, जिसने पश्चिम एशिया को अस्थिर कर दिया है।
वार्ता में हुई प्रगति
तीन अधिकारियों में से एक ने हमास से जुड़े प्रतिनिधि के साथ वार्ता में भाग लिया। उसने कहा कि कई बाधाएं अभी भी मौजूद हैं, लेकिन मौजूदा प्रगति उम्मीद जगाती है। अमेरिकी अधिकारियों ने पहले भी कई बार कहा था कि वे समझौते के करीब हैं, लेकिन बातचीत अटक जाती थी।
बंधकों की रिहाई पर चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, वार्ता के दौरान 33 बंधकों की रिहाई पर चर्चा हुई, जिसमें सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना है। दोहा में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ हुई बैठक के बाद हमास प्रतिनिधिमंडल ने बयान जारी करते हुए कहा कि बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
प्रस्तावित मसौदा तैयार
वार्ता से जुड़े एक व्यक्ति ने जानकारी दी कि समझौते का मसौदा तैयार कर लिया गया है। अब इसे अंतिम मंजूरी के लिए इजरायल और हमास के शीर्ष नेताओं को भेजा जाएगा। मध्यस्थों का कहना है कि अगले 24 घंटे इस समझौते के भविष्य के लिए बेहद अहम होंगे।
हमास पर बना दबाव
रिपोर्ट के अनुसार, कतर ने हमास पर समझौते को स्वीकार करने के लिए दबाव बढ़ा दिया है। वहीं, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ भी इजरायली पक्ष पर समझौते को जल्द अंतिम रूप देने के लिए जोर दे रहे हैं। विटकॉफ हाल ही में इस क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं और मध्यस्थता प्रक्रिया का हिस्सा बने हैं।
मिस्र का सहयोग
मिस्र के एक अधिकारी ने बताया कि वार्ता में रातोंरात प्रगति हुई है, लेकिन अंतिम समझौते में अभी कुछ और दिन लग सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों पक्षों का प्रयास है कि ट्रंप के 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले समझौते को अंतिम रूप दिया जाए।
संघर्ष विराम की दिशा में अहम कदम
इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से चल रहे इस संघर्ष के थमने की संभावनाएं अब मजबूत हो रही हैं। यदि यह समझौता होता है, तो यह पश्चिम एशिया में शांति बहाली की दिशा में बड़ा कदम होगा। सभी पक्षों की कोशिशें इस दिशा में सकारात्मक परिणाम देने की उम्मीद जगा रही हैं।