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अमेरिका की ताइवान को हथियार डिलीवरी से चीन भड़का, बढ़ सकता है युद्ध का खतरा

Joe Biden And Xi Jinping 1607336

चीन की धमकियों को दरकिनार करते हुए अमेरिका ने ताइवान को खतरनाक हथियारों की आपूर्ति की है। इस कदम से चीन और अमेरिका के बीच पहले से जारी तनाव और बढ़ सकता है। ताइवान को हाल ही में M1A2T अब्राम टैंकों की डिलीवरी मिली है, जो पिछले 23 वर्षों में द्वीप पर अमेरिकी टैंकों की पहली बड़ी खेप है।

ताइवान को मिली M1A2T टैंकों की पहली खेप

रेडियो फ्री एशिया के अनुसार, ताइवान को 38 M1A2T अब्राम टैंकों की आपूर्ति की गई है। यह डिलीवरी अगले दो वर्षों में अपेक्षित 122 टैंकों के बड़े ऑर्डर का हिस्सा है। अमेरिका का यह कदम ताइवान की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

चीन की धमकियों का कोई असर नहीं

चीन लंबे समय से अमेरिका को ताइवान को हथियारों की आपूर्ति रोकने की धमकी देता रहा है। चीन ने इसे अपनी ‘वन चाइना पॉलिसी’ का उल्लंघन करार दिया है और स्पष्ट किया है कि वह अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

हाल ही में, चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि अगर उसने ताइवान को हथियारों की आपूर्ति बंद नहीं की, तो कड़े कदम उठाए जाएंगे। इसके बावजूद, अमेरिका ने ताइवान को M1A2T टैंकों की डिलीवरी की, जिससे चीन की नाराजगी और बढ़ सकती है।

M1A2T अब्राम टैंक: ताइवान के लिए गेम-चेंजर

M1A2T अब्राम टैंक को दुनिया के सबसे उन्नत युद्धक टैंकों में से एक माना जाता है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं:

  1. 120 मिमी स्मूथबोर गन: 850 मिमी मोटाई वाले कवच को भेदने में सक्षम।
  2. हंटर-किलर क्षमता: एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक और नष्ट करने की क्षमता।
  3. उन्नत कवच और गतिशीलता: यह ताइवान के पुराने M60A3 और CM11 टैंकों की तुलना में कहीं ज्यादा आधुनिक है।

ताइवान के लिए यह टैंक चीन के संभावित आक्रमण का सामना करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, ताइवान के पहाड़ी इलाकों और घने शहरी क्षेत्रों में इन टैंकों के प्रदर्शन को लेकर कुछ विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं।

चीन-अमेरिका के बिगड़ते रिश्ते और युद्ध का खतरा

चीन और अमेरिका के बीच संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं। कोरोना महामारी के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में दरार और गहरी हो गई है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध और सैन्य टकराव जैसे मुद्दों ने तनाव को बढ़ाया। अब, ताइवान को हथियार देने के मुद्दे ने इस तनाव को और हवा दे दी है।

चीन ने दी चेतावनी, फिर भी अमेरिका अडिग

चीन ने ताइवान को हथियार देने के खिलाफ खुली धमकी देते हुए कहा था कि यह उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है। चीनी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि वह “राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा के लिए दृढ़ कदम उठाएगा।”
इसके बावजूद, अमेरिका ने ताइवान को हथियारों की आपूर्ति जारी रखी है, जिससे यह आशंका बढ़ रही है कि यह तनाव कहीं युद्ध का रूप न ले ले।

विशेषज्ञों की राय

कैटो इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ फेलो एरिक गोमेज़ का मानना है कि ताइवान को मिले M1A2T टैंक चीन के संभावित आक्रमण के दौरान महत्वपूर्ण लैंडिंग पॉइंट्स की रक्षा करने में मदद करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि इन टैंकों की आपूर्ति ताइवान की सैन्य ताकत को बढ़ाएगी और चीन के दबाव का सामना करने की उसकी क्षमता को मजबूत करेगी।

क्या तनाव बढ़ने से होगा युद्ध?

ताजा घटनाक्रम के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या चीन और अमेरिका के बीच तनाव युद्ध का रूप ले सकता है। ताइवान पर चीन का दावा और अमेरिका का ताइवान को समर्थन दोनों देशों के लिए न केवल कूटनीतिक बल्कि सैन्य स्तर पर भी बड़ी चुनौती बन सकते हैं।a