उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों खुदाई के दौरान मंदिरों, कूपों और शिवलिंग मिलने के दावों ने हलचल मचा रखी है। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार (29 दिसंबर) को एक बड़ा बयान देकर सियासी माहौल गरमा दिया। अखिलेश ने दावा किया है कि लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के नीचे भी एक शिवलिंग है और इसकी खुदाई होनी चाहिए। उनके इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
अखिलेश यादव ने खुदाई और शिवलिंग पर क्या कहा?
समाजवादी पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में जगह-जगह खुदाई के जरिए लोगों का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा:
“अगर सरकार को खुदाई का इतना ही शौक है, तो मुख्यमंत्री आवास की खुदाई भी करवाई जाए। वहां भी शिवलिंग मिलेगा।”
सरकार पर निशाना:
- अखिलेश ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह विकास की जगह विनाश की ओर बढ़ रही है।
- जगह-जगह खुदाई हो रही है, लेकिन राज्य में विकास की कोई ठोस योजना नहीं है।
खुदाई के मुद्दे पर सियासी बयानबाजी तेज
संभल से शुरू हुए खुदाई के मुद्दे के बाद अब यूपी में शिवलिंग और मंदिरों के मिलने के दावे जोर पकड़ रहे हैं। अखिलेश यादव पहले भी संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।
संभल में स्थिति:
- प्रशासन ने जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पुराने कुओं और बावड़ियों की खुदाई शुरू करवाई।
- इस दौरान इलाके में हिंसा हुई, जिसके बाद प्रशासन ने मुस्लिम बहुल इलाकों में बिजली चोरी रोकने और मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम तेज कर दिया।
राजनीतिक विश्लेषण:
कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश यादव का मुख्यमंत्री आवास पर खुदाई का बयान संभल में हुई घटनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है।
महाकुंभ पर सवाल: सरकार को निशाने पर लिया
अखिलेश यादव ने प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियों को लेकर भी योगी सरकार पर निशाना साधा।
प्रमुख सवाल:
- अखिलेश ने मेले की अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जाहिर की।
- उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का कुंभ मेले को लेकर तरीका पारंपरिक नहीं है।
- भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह को कुंभ का न्योता देने पर उन्होंने टिप्पणी की कि कुंभ में लोग अपनी आस्था से आते हैं, किसी को निमंत्रण देने की जरूरत नहीं होती।
ईवीएम पर सवाल और बैलेट पेपर की मांग
अखिलेश यादव ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर भी बड़ा सवाल उठाया। उन्होंने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर एक बार फिर अविश्वास जताते हुए कहा:
“ईवीएम की वजह से न हारने वाले को हार का भरोसा होता है और न जीतने वाले को जीत का। इसलिए चुनाव बैलेट पेपर से ही कराए जाने चाहिए।”
ईवीएम से जुड़ी मांग:
- अखिलेश ने चुनाव को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए बैलेट पेपर की वापसी की मांग की।
- उनका कहना था कि बैलेट पेपर से चुनाव कराने पर सभी पक्षों को निष्पक्षता का भरोसा होगा।