Sunday , November 24 2024

New Expressway: गाजियाबाद से कानपुर तक बनेगा 380 किलोमीटर लंबा नया एक्सप्रेसवे, 9 जिलों को होगा फायदा

New Expressway 3 696x392.jpg

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ते एक्सप्रेसवे नेटवर्क में एक और अहम प्रोजेक्ट जुड़ने जा रहा है। गाजियाबाद से कानपुर तक बनने वाला यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ सफर को आसान बनाएगा, बल्कि इससे जुड़े 9 जिलों को विकास की नई दिशा भी देगा।

गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे

गाजियाबाद से कानपुर तक 380 किलोमीटर लंबे इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है, जिसका नाम ‘गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे’ रखा गया है। यह एक्सप्रेसवे गाजियाबाद से कानपुर की दूरी को काफी हद तक कम कर देगा। अभी दिल्ली-गाजियाबाद से कानपुर तक का सफर 7 से 8 घंटे का होता है। जबकि इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह सफर सिर्फ 5.30 घंटे का रह जाएगा।

इस एक्सप्रेसवे से 9 जिले जुड़ेंगे

यह एक्सप्रेसवे गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव और कानपुर जैसे 9 प्रमुख जिलों को जोड़ेगा। इससे न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि इन जिलों में औद्योगिक केंद्र भी स्थापित होंगे। एक्सप्रेसवे योजना में उद्योगों के लिए विशेष क्षेत्रों की पहचान की जा रही है, जिससे क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे…

गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे एक ग्रीनफील्ड परियोजना है, जिसका प्रारंभिक निर्माण 4 लेन का होगा, लेकिन भविष्य में इसे 6 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है। इसकी खास बात यह है कि इस एक्सप्रेसवे को भविष्य में नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से भी जोड़ा जा सकता है, जिससे कानपुर की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी।

यातायात प्रबंधन में सुधार होगा

यह एक्सप्रेसवे उत्तर में NH-9 (गाजियाबाद-हापुड़ हाईवे) और दक्षिण में कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। पहले इस परियोजना को हापुड़ से कानपुर तक बनाने की योजना थी, लेकिन अब हापुड़ को मेरठ एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए 60 किलोमीटर लंबी कनेक्टर रोड बनाई जाएगी, जिससे हापुड़ और मेरठ दोनों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

2026 तक पूरा होने की उम्मीद

इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे 2026 तक पूरा करने की योजना है। एक्सप्रेसवे के निर्माण से दिल्ली-एनसीआर से कानपुर के साथ ही यूपी के अन्य शहरों तक पहुंच भी आसान हो जाएगी, जिससे प्रदेश के यातायात और औद्योगिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव आएगा।