नागार्जुन जन्मदिन-नेट वर्थ: नागार्जुन, जिन्हें अक्सर “राजा नागार्जुन” कहा जाता है, तेलुगु सिनेमा के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं, जिन्होंने हिंदी फिल्मों में भी अपना नाम बनाया है। उनका पूरा नाम अक्किनेनी नागार्जुन है। फिलहाल नागार्जुन को किसी पहचान की जरूरत नहीं है. नागार्जुन ने ‘गली में आज चांद निकला’ गाने में पूजा भट्ट के साथ रोमांस कर रातों-रात बॉलीवुड में अपनी पहचान बना ली।
यह फिल्म धार्मिक असहिष्णुता, सामाजिक संघर्ष और पारिवारिक रिश्तों के इर्द-गिर्द घूमती है और इसका निर्देशन महेश भट्ट ने किया था। फिल्म की कहानी काफी भावनात्मक और गहरी है, जो धार्मिक असहिष्णुता, सामाजिक संघर्ष और पारिवारिक रिश्तों के इर्द-गिर्द घूमती है। आइए जानते हैं नागार्जुन का परिचय.
नागार्जुन अक्किनेनी भारतीय फिल्म उद्योग में एक बहुत प्रसिद्ध और सम्मानित अभिनेता हैं, जिन्होंने मुख्य रूप से तेलुगु सिनेमा में अपनी पहचान बनाई है। उनका जन्म 29 अगस्त 1959 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था। वह दक्षिण भारतीय सिनेमा के अनुभवी अभिनेता अक्किनेनी नागेश्वर राव (एएनआर) के बेटे हैं, जो खुद एक बेहद सम्मानित अभिनेता थे। नागार्जुन ने न सिर्फ अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया है बल्कि अपनी एक अलग पहचान भी बनाई है।
फ़िल्मी करियर
नागार्जुन ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 1986 में फ़िल्म विक्रम से की, जो एक सफल फ़िल्म साबित हुई। इसके बाद उन्होंने मजनू (1987), अखरी पोरचुक्कू (1988), शिवा (1989) जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीता। शिव ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई और उन्हें तेलुगु सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में से एक बना दिया।
नागार्जुन ने 1990 के दशक में कई हिट फिल्मों में अभिनय किया, जैसे अन्नमय (1997), जिसमें उन्होंने संत अन्नमय की भूमिका निभाई। यह फिल्म उनकी सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक है। उन्होंने बॉलीवुड में भी हाथ आजमाया और खुदा गवाह (1992), ज़ख्म (1998) और एलओसी कारगिल (2003) जैसी हिंदी फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं।
नागार्जुन अभिनय में अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए जाने जाते हैं। वह रोमांटिक, एक्शन, ड्रामा और पौराणिक भूमिकाओं में समान रूप से माहिर हैं। उनकी फिल्में अक्सर बॉक्स ऑफिस पर हिट होती हैं और वह पिछले चार दशकों से लगातार इंडस्ट्री में सक्रिय हैं।
व्यक्तिगत जीवन
नागार्जुन का विवाह अमला अक्किनेनी से हुआ, जो एक अभिनेत्री भी हैं। उनके दो बेटे हैं, नागा चैतन्य और अखिल अक्किनेनी, दोनों अभिनेता हैं। नागार्जुन का परिवार तेलुगु सिनेमा का एक प्रमुख परिवार है, जिसे “अक्किनेनी का परिवार” के नाम से जाना जाता है।
संपत्ति
नागार्जुन की कुल संपत्ति की बात करें तो फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अभिनेता की संपत्ति 3100 करोड़ रुपये है। नागार्जुन न सिर्फ एक अभिनेता हैं बल्कि एक सफल उद्यमी भी हैं। वह हैदराबाद स्थित प्रसिद्ध फिल्म निर्माण कंपनी और स्टूडियो ‘अन्नपूर्णा स्टूडियो’ के सह-मालिक हैं। उन्होंने रेस्तरां, रियल एस्टेट और अन्य उद्यमों जैसे कई व्यवसायों में भी निवेश किया है।
पुरस्कार और सम्मान
नागार्जुन को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें तेलुगु सिनेमा के लिए दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और कई राज्य स्तरीय नंदी पुरस्कार मिले हैं। उनकी लोकप्रियता ने उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे सफल और सम्मानित अभिनेताओं में से एक बना दिया है।
ज़ख्म फिल्म की कहानी
ज़ख्म एक युवा व्यक्ति, अजय (अजय देवगन) की कहानी बताती है, जो एक मुस्लिम माँ और एक हिंदू पिता का बेटा है। फिल्म की शुरुआत में, अजय अपनी मां (पूजा भट्ट द्वारा अभिनीत) के दर्दनाक जीवन और समाज में उनके साथ हुए अन्याय को याद करते हैं। अजय की माँ और उनके पिता (नागार्जुन द्वारा अभिनीत) की शादी को समाज ने स्वीकार नहीं किया, क्योंकि वे अलग-अलग धर्मों के थे। इस सामाजिक अस्वीकृति के कारण उनकी माँ को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे अजय की मां ने अपने बेटे को अकेले पाला और समाज के हमलों का सामना किया। चूँकि उनके बच्चे एक हिंदू पुरुष से हैं, इसलिए स्वाभाविक रूप से वह अपने बेटे के सामने एक हिंदू के रूप में अपना जीवन जीती हैं। कहानी तब और जटिल हो जाती है जब सांप्रदायिक दंगों में अजय की मां की मौत हो जाती है। फिर अजय न्याय पाने और अपनी मां की स्मृति का सम्मान करने के लिए अपने पिता और समाज के खिलाफ लड़ता है। फिल्म जख्म ने अपने गहरे और संवेदनशील विषय के कारण दर्शकों और आलोचकों का ध्यान आकर्षित किया।