करवा चौथ 2024 वास्तु टिप्स: हर साल सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 रविवार को रखा जाएगा।
करवा चौथ की पूजा का फल तभी प्राप्त होता है जब इसे नियम और रीति-रिवाज के अनुसार किया जाए। करवा चौथ की पूजा में सभी नियमों का पालन करने के साथ-साथ वास्तु शास्त्र से जुड़े नियमों को याद रखना भी जरूरी है। इन वास्तु नियमों का पालन करने से पति-पत्नी के बीच सुख-शांति और वैवाहिक जीवन मजबूत बनता है। जानिए करवा चौथ से जुड़े वास्तु नियम-
करवा चौथ वास्तु नियम
सरगी खाने की दिशा (Karwa Chauth 2024 sargi): करवा चौथ व्रत की शुरुआत सरगी से होती है। व्रत करने वाला व्यक्ति सूर्योदय से पहले उठता है, स्नान करता है और फिर सरगी खाता है, और फिर व्रत का संकल्प लेता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार सरगी खाने के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा सबसे अच्छी होती है। इस दिशा से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और व्रत सफल होता है।
करवा चौथ पूजा थाली: वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा करते समय दिशा का ध्यान रखना ज़रूरी है। इसी तरह करवा चौथ की पूजा करते समय भी दिशा का ध्यान रखना चाहिए। करवा चौथ की पूजा कभी भी दक्षिण दिशा की ओर मुख करके न करें। पूजा करते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करें।
करवा चौथ व्रत कथा किस दिशा में पढ़नी चाहिए (Karwa Chauth Vrat Katha): करवा चौथ का व्रत तब तक पूरा नहीं माना जाता जब तक आप करवा चौथ व्रत कथा नहीं पढ़ते या सुनते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार करवा चौथ व्रत कथा पढ़ते या सुनते समय आपका मुख उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए ।
इन नियमों का भी करें पालन (KarwaChauth Niyam)
- चंद्रोदय के बाद उत्तर-पश्चिम दिशा में चंद्रमा को अर्घ्य दें।
- जल में दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।
- पूजा की थाली में जल से भरा बर्तन, लाल सिंदूर, फूल, मिठाई और दीपक अवश्य रखें।
- करवा चौथ के दिन महिलाओं को लाल या पीले रंग की चूड़ियां पहननी चाहिए।