इनकम टैक्स नोटिस: लोग अक्सर किसी काम या अन्य वजह से विदेश में पैसे भेजते हैं। जैसे, विदेश में पढ़ रहे बच्चों की फीस और खर्च के लिए पैसे भेजना या विदेश में प्रॉपर्टी खरीदना। इस प्रक्रिया में उन्हें इनकम टैक्स से जुड़े कुछ नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करना जरूरी होता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं या इसमें कोई गलती करते हैं तो आपको इनकम टैक्स विभाग से नोटिस मिल सकता है।
कर नोटिस कब भेजा जाता है?
लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत भारत के निवासी एक कारोबारी साल में 250,000 रुपये तक की रकम बिना किसी अतिरिक्त टैक्स चुकाए विदेश भेज सकते हैं। अगर आप इस सीमा से ज़्यादा पैसे विदेश भेजते हैं तो आयकर विभाग की ओर से आपको पैसे भेजने की वजह बताने के लिए नोटिस भेजा जा सकता है। आपको अपने आयकर रिटर्न यानी ITR में सभी तरह के विदेशी रेमिटेंस दिखाने चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको आयकर विभाग की ओर से टैक्स नोटिस भी मिल सकता है।
टैक्स कंसल्टेंसी सेवाएं देने वाली फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास के पार्टनर कुणाल सवानी बताते हैं कि “अगर आपको विदेश से भेजे गए पैसे पर टैक्स विभाग से कोई नोटिस मिला है, तो आपको घबराने या परेशान होने की जरूरत नहीं है। आमतौर पर पहले नोटिस या सूचना में आपको सिर्फ यह पुष्टि करनी होती है कि आपने विदेश में पैसा भेजा है।
आपको इस नोटिस का जवाब देते समय विदेश में पैसा भेजने की बात को सही तरीके से स्वीकार करना चाहिए। इसके बाद आपको आयकर विभाग के सामने अपने सभी दस्तावेज पेश करने चाहिए, जिसमें आपके विदेश से भेजे गए पैसे के कारण और उद्देश्य की जानकारी हो। साथ ही, आपके द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों में आपके द्वारा विदेश भेजे गए पैसे के वास्तविक उपयोग की जानकारी भी होनी चाहिए।” सिंघानिया एंड कंपनी के पार्टनर अमित बंसल ने बताया कि अगर आपको विदेश से भेजे गए पैसे पर टैक्स नोटिस मिले तो आपको क्या करना चाहिए।
नोटिस और उसके उद्देश्य को समझें: बंसल के अनुसार, सबसे पहले आपको नोटिस को समझने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए नोटिस को ध्यान से पढ़ें कि यह क्यों जारी किया गया है। हो सकता है कि नोटिस विदेशी धन प्रेषण की कम रिपोर्टिंग या रिपोर्टिंग न करने के कारण जारी किया गया हो। इसका उद्देश्य कर चोरी को ठीक करना और उचित कर का भुगतान करवाना हो सकता है।
अपने दस्तावेज चेक करें: बंसल ने कहा कि इसके अलावा आपको अपने विदेश धन प्रेषण से जुड़े दस्तावेज भी चेक करने चाहिए। इन दस्तावेजों में बताई गई सभी जानकारियों को वेरिफाई करें जिसमें विदेश धन प्रेषण की राशि, विदेश में राशि भेजने का उद्देश्य और स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस शामिल है। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करें कि विदेश धन प्रेषण नियमों के अनुसार किया गया हो और आपके पास इससे जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज जैसे फॉर्म 15सीए/15सीबी, बैंक स्टेटमेंट और चालान मौजूद हों।
समय सीमा के भीतर जवाब दें: बंसल के अनुसार, टैक्स नोटिस का जवाब समय सीमा के भीतर दिया जाना चाहिए, क्योंकि टैक्स नोटिस का जवाब देने के लिए आमतौर पर समय सीमा होती है। इसलिए, नोटिस में उल्लिखित समय सीमा के भीतर आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से नोटिस का जवाब दें। साथ ही, आपके द्वारा दी गई जानकारी की पुष्टि करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
प्रोफेशनल सलाह लें: अगर आपको समझ नहीं आ रहा है कि टैक्स नोटिस का जवाब कैसे दिया जाए या फिर टैक्स नोटिस की रकम बहुत ज़्यादा है, तो आपको इस बारे में किसी टैक्स कंसल्टेंट से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए। वह नोटिस का उचित जवाब तैयार करने में आपकी मदद कर सकता है। इससे आप आयकर विभाग को यह भरोसा दिला पाएंगे कि आपने सभी नियमों और प्रक्रियाओं का सही से पालन किया है। या फिर अगर कोई गलती हुई भी है, तो वह गलती से हुई है।
अन्य जानकारी भी जमा करें: यदि आयकर विभाग आपके द्वारा भेजी गई रकम से संबंधित कोई अन्य या अतिरिक्त जानकारी या स्पष्टीकरण मांगता है, तो अपने नोटिस के जवाब में विभाग को समय पर और सटीक तरीके से ये विवरण उपलब्ध कराएं। कर नोटिस को नज़रअंदाज़ करने पर आपके खिलाफ़ जुर्माना या अन्य कार्रवाई हो सकती है। इसलिए, कर नोटिस को गंभीरता से लेना और उसका उचित और समय पर जवाब देना महत्वपूर्ण है।