दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका अपने इतिहास में पहली बार डिफॉल्ट करने के करीब पहुंच गया है। देश की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने चेतावनी दी है कि अगर 1 जून तक कर्ज की सीमा नहीं बढ़ाई गई तो अमेरिका डिफॉल्ट कर सकता है। अगर अमेरिका डिफॉल्ट करता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
मूडीज एनालिटिक्स के मुताबिक, अगर अमेरिका डिफॉल्ट करता है तो देश में 70 लाख नौकरियां खत्म हो जाएंगी। बेरोजगारी की दर आठ प्रतिशत तक आसमान छू जाएगी। जीडीपी में चार फीसदी की कमी आएगी। शेयर बाजार में 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिलेगी। लोगों की 10 लाख करोड़ डॉलर की संपत्ति बह जाएगी।
यह चेतावनी मूडीज के मुख्य अर्थशास्त्री मार्क जैंडी के नेतृत्व में तैयार रिपोर्ट में दी गई है।
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने उम्मीद जताई है कि कर्ज की सीमा पर सहमति बन जाएगी। बाइडेन प्रशासन इस मुद्दे पर रिपब्लिकन सांसदों के साथ रोजाना बातचीत कर रहा है।
ऋण सीमा $31.4 ट्रिलियन है। ऋण सीमा वह सीमा है जिसके लिए संघीय सरकार कितना उधार ले सकती है। 1960 के बाद से इस सीमा को 78 बार बढ़ाया गया है। अंतत: दिसंबर , 2021 में इस सीमा को बढ़ाकर 31.4 ट्रिलियन डॉलर कर दिया गया।
उधर, रेटिंग एजेंसी फिच ने अमेरिका की एएए रेटिंग को नेगेटिव वॉच पर रखा है। साथ ही क्रेडिट रेटिंग भी डाउनग्रेड करने का संकेत दिया है। हालांकि, फिच ने उम्मीद जताई कि एक राजनीतिक सहमति बन जाएगी और कर्ज की सीमा बढ़ा दी जाएगी।