दूर्वा घास: पूजा-पाठ में दूर्वा घास का बहुत महत्व है। खासकर भगवान गणेश की पूजा दूर्वा घास के बिना अधूरी मानी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस घास में कई औषधीय गुण होते हैं, जो शरीर को छोटी से लेकर बड़ी कई बीमारियों से निजात दिला सकते हैं।
दूब घास की ऊंचाई करीब 6 से 7 इंच होती है। बहुत पतली होने के कारण यह घास जमीन पर फैलती हुई बढ़ती है। इस घास में प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, पोटैशियम और कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ एंटी-वायरल, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण भी होते हैं। आइए आपको बताते हैं कि आप इसे किन बीमारियों में औषधि के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं-
दूर्वा 15 रोगों में लाभकारी
पिज्जा ‘स वेय द प्लैटफ़ार्म डाउन
पाचन संबंधी समस्याएं
उच्च रक्तचाप
त्वचा संबंधी समस्याएं
मोटापा
रक्ताल्पता
पत्थर
आँखों की कमजोरी
मानसिक स्वास्थ्य
मलेरिया
धन
मिरगी
यौन समस्याएं
मुँह के छाले
मूत्र पथ के संक्रमण
दूर्वा का सेवन कैसे करें?
सुबह खाली पेट दूर्वा घास का सेवन करना बहुत फायदेमंद माना जाता है। आप इसे सुखाकर पाउडर बना सकते हैं और रोजाना एक चम्मच दूध के साथ इसका सेवन कर सकते हैं। या फिर इसका जूस निकालकर भी पी सकते हैं।
इसे ध्यान में रखो
अधिक मात्रा में दूर्वा घास का सेवन करने से त्वचा में जलन, खुजली आदि की समस्या हो सकती है। इसलिए इसका सेवन करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।