पटना। BPSC 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना हाईकोर्ट में आज (5 फरवरी) सुनवाई होगी। इससे पहले 31 जनवरी को जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल के छुट्टी पर रहने के कारण सुनवाई नहीं हो पाई थी। इस मामले को लेकर अभ्यर्थियों ने 30 जनवरी को उग्र प्रदर्शन किया था, जिसमें तीन बार पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी।
BPSC से मांगा गया था एफिडेविट
पटना हाईकोर्ट ने 16 जनवरी को हुई पिछली सुनवाई में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) को निर्देश दिया था कि 30 जनवरी से पहले एफिडेविट दाखिल किया जाए।
इस मामले में प्रशांत किशोर की पार्टी ‘जनसुराज’ समेत कई अन्य संगठनों ने याचिकाएं दायर की हैं। याचिकाओं में मुख्य रूप से दो मांगें रखी गई हैं:
- BPSC 70वीं PT परीक्षा को रद्द कर दोबारा परीक्षा कराई जाए।
- प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के खिलाफ दर्ज की गई FIR को वापस लिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जाने की सलाह दी
इससे पहले, बिहार की आनंद लीगल एंड फोरम ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें BPSC 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई थी।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा कि याचिकाकर्ताओं को संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत पटना हाईकोर्ट में अपील करनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की CJI संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने साफ कहा,
“इस मामले को पटना हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में ही उठाया जाना चाहिए।”
क्या है BPSC 70वीं पीटी परीक्षा विवाद?
BPSC 70वीं पीटी परीक्षा को लेकर कई अभ्यर्थियों ने पेपर लीक और परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। इसके बाद अभ्यर्थियों ने 30 जनवरी को पटना में आठ घंटे तक प्रदर्शन किया, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए थे। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच कई बार झड़पें हुईं।
आज की सुनवाई क्यों अहम है?
पटना हाईकोर्ट में आज की सुनवाई इस मामले में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अगर कोर्ट BPSC को परीक्षा दोबारा कराने का आदेश देता है, तो यह हजारों अभ्यर्थियों के लिए राहत की खबर होगी। वहीं, अगर हाईकोर्ट याचिका खारिज कर देता है, तो प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लग सकता है।
अब देखना होगा कि पटना हाईकोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाती है।