Bank निजीकरण अपडेट: एक बार फिर बैंकों के निजीकरण की हवा चलने लगी है. नीति आयोग द्वारा जारी सूची के मुताबिक, एसबीआई बैंक को छोड़कर सभी सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जाएगा, लेकिन कुछ जगहों पर कर्मचारी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा कई बैंकों का निजीकरण (bank privaization in india) कर दिया गया है।
अब एक बार फिर बैंक निजीकरण पर बड़ी खबर सामने आ रही है. सरकार ने कई बैंकों और कंपनियों का निजीकरण करने का फैसला किया है।
जिस पर तेजी से काम चल रहा है. फिलहाल सरकारी कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं. इस बीच देश के दो प्रमुख अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सरकार को भारतीय स्टेट बैंक को छोड़कर सभी सरकारी बैंकों को निजी हाथों में सौंप देना चाहिए.
इसके अलावा नीति आयोग ने कहा है कि देश के 6 सरकारी बैंकों का निजीकरण नहीं किया जाएगा.
नीति आयोग ने जारी की थी लिस्ट
नीति आयोग द्वारा जारी सूची में कहा गया है कि सरकार पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक, केनरा बैंक, एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक का निजीकरण नहीं करेगी।
सरकार ने कहा है कि इन 6 बैंकों का निजीकरण नहीं किया जाएगा. सरकारी अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक, जो भी सरकारी बैंक एकीकरण का हिस्सा थे, उन्हें निजीकरण से बाहर रखा गया है.
बैंकों का विलय अगस्त 2019 में हुआ था
आपको बता दें कि अगस्त 2019 में सरकार ने 10 में से 4 बैंकों का विलय कर दिया था, जिसके बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 हो गई है.
फिलहाल इन बैंकों के निजीकरण को लेकर कोई योजना नहीं है. वित्त मंत्रालय ने अपनी राय दी है कि इन सभी बैंकों को निजीकरण से बाहर रखा जाना चाहिए.
वित्त मंत्री ने की थी घोषणा
वित्त मंत्री ने पिछले साल के बजट में घोषणा की थी कि आईडीबीआई बैंक का निजीकरण किया जाएगा. सरकार ने इस बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है. इसको लेकर प्रक्रिया भी आगे बढ़ चुकी है.
लगातार विरोध के बावजूद सरकार निजीकरण को लेकर अपना रुख पहले ही साफ कर चुकी है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने यह भी कहा था कि एक बीमा कंपनी बेची जाएगी.