हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य मधुमेह के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इससे बचाव के तरीके साझा करना है। हालांकि, समाज में मधुमेह को लेकर कई मिथक और गलत धारणाएं भी फैली हुई हैं, जो रोगियों के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि इन मिथकों की सच्चाई पता चले, ताकि सही जानकारी से मधुमेह को नियंत्रित किया जा सके।
आइए जानते हैं मधुमेह से जुड़े पांच प्रमुख मिथक और उनकी सच्चाई।
1. मिथक: केवल मीठा खाने से मधुमेह होता है
सच: यह सबसे बड़ा मिथक है कि सिर्फ़ मीठा खाने से ही डायबिटीज़ होती है। हालाँकि, ज़्यादा मीठा खाने से वज़न ज़रूर बढ़ सकता है और इससे डायबिटीज़ का ख़तरा भी बढ़ जाता है, लेकिन डायबिटीज़ होने के और भी कई कारण हैं। इनमें आनुवांशिक कारण, जीवनशैली और मोटापा शामिल हैं। टाइप-1 डायबिटीज़ एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम पैंक्रियाज़ की इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं पर हमला करता है।
2. मिथक: मधुमेह के रोगी नहीं कर सकते
फलों का सेवन करें सच: कई लोगों का मानना है कि मधुमेह के रोगियों को फलों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनमें प्राकृतिक शुगर होती है। हालाँकि, यह सच नहीं है। सेब, नाशपाती और संतरे जैसे कुछ फलों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर तेज़ी से नहीं बढ़ता। संतुलित मात्रा में फलों का सेवन करने से विटामिन और मिनरल मिलते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी हैं।
3. मिथक: मधुमेह का मतलब है हमेशा लेना
इंसुलिन सच्चाई: हर मधुमेह रोगी इंसुलिन का उपयोग नहीं करता है। टाइप-1 डायबिटीज में इंसुलिन की आवश्यकता होती है, लेकिन टाइप-2 डायबिटीज में जीवनशैली में बदलाव, उचित आहार और दवाओं से भी रक्त शर्करा को नियंत्रित किया जा सकता है। इंसुलिन का उपयोग केवल तभी किया जाता है जब अन्य उपायों से रक्त शर्करा नियंत्रण संभव न हो।
4. मिथक: मधुमेह से
सच : मधुमेह एक दीर्घकालिक बीमारी है और इसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता। हालांकि, सही जीवनशैली और आहार का पालन करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है। टाइप-2 डायबिटीज के मरीज नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार से ब्लड शुगर को सामान्य रख सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे पूरी तरह से ठीक हो गए हैं।
5. मिथक: केवल कार्बोहाइड्रेट ही खाना चाहिए
मधुमेह में इनसे बचना चाहिए सच्चाई: मधुमेह में, केवल कार्बोहाइड्रेट ही नहीं, बल्कि संपूर्ण संतुलित आहार पर ध्यान देना चाहिए। स्वस्थ वसा, प्रोटीन और फाइबर का सेवन भी महत्वपूर्ण है। कार्बोहाइड्रेट का चयन भी सही तरीके से किया जाना चाहिए, जैसे कि जटिल कार्ब्स का सेवन करना, जो धीरे-धीरे पचते हैं और रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि नहीं करते हैं।