जब मांस, समुद्री भोजन, गोभी, पालक आदि जैसे प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है तो शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है। यूरिक एसिड का उच्च स्तर शरीर में सूजन और दर्द का कारण बनता है, जिसका असर सबसे पहले कुछ हिस्सों पर पड़ता है।
ऐसे में इन लक्षणों का अनुभव होने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि समय पर इलाज न होने पर हृदय और किडनी पर इसका गंभीर असर हो सकता है।
यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण
– यूरिक एसिड बढ़ने पर अक्सर अंगूठे, घुटनों और टखनों में दर्द और सूजन हो जाती है। यह दर्द इतना तेज हो सकता है कि इसे सहना मुश्किल हो जाता है।
– जोड़ों में सूजन और लालिमा भी यूरिक एसिड बढ़ने का संकेत है। इस स्थिति में मांसपेशियों और त्वचा के आसपास सूजन आ जाती है, जिससे चलने-फिरने में दिक्कत होती है।
– यदि आप सामान्य से अधिक थकान महसूस कर रहे हैं, तो यह यूरिक एसिड के स्तर में वृद्धि का संकेत हो सकता है।
– यूरिक एसिड का उच्च स्तर गुर्दे की पथरी के जोखिम को बढ़ाता है। अगर आपको पीठ दर्द या पेशाब करने में कठिनाई हो रही है, तो सावधान हो जाइए।
इससे आपके दिल और गुर्दे को नुकसान हो सकता है
अगर यूरिक एसिड का स्तर लंबे समय तक ऊंचा बना रहे, तो इसका हृदय और किडनी पर गंभीर असर हो सकता है। उच्च यूरिक एसिड हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और किडनी फेलियर जैसी स्थितियों के जोखिम को बढ़ाता है। ये समस्याएं न केवल जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं, बल्कि जानलेवा भी हो सकती हैं।
इससे बचने के उपाय
यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए स्वस्थ आहार लें, नियमित व्यायाम करें और पर्याप्त पानी पिएं। साथ ही शराब और उच्च प्रोटीन वाले आहार से बचें।