काली चौदस पूजा: अहमदाबाद समेत राज्य भर में धनतेरस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. आज काला चालीस है. शास्त्रविद्या के अनुसार काली चौदश के दिन और रात में की गई पूजा-साधना से सहस्रगण फल मिलता है।
साधना का तत्काल फल देने वाला सिद्ध दिन
काली चौदश को नरक चतुर्दशी और रूप चौदश भी कहा जाता है। इस दिन खीर और वड़ा बनाने का रिवाज है। खासतौर पर तली हुई चीजें बनाई और खाई जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि तेल जितना अधिक जलता है, उतना ही वह जंग लगने से बचता है। ज्योतिषियों के अनुसार काली चौदस को उग्र देवी-देवताओं की साधना का तत्काल फल देने वाला सिद्ध दिन माना जाता है।
हनुमान चालीसा का 7 बार जाप करने से भय का नाश होता है
काली चौदश के दौरान तंत्र-यंत्र-मंत्र साधना के साथ-साथ महाकाली पूजा, हनुमानजी पूजा, भैरव पूजा सिद्ध फल देती है। ज्योतिषी चेतन पटेल ने काली चौदस के दिन और रात को शुभ बताते हुए कहा कि काली चौदस के साधना मंत्र का अभ्यास या पूजा करने से भूत अंधकार, भूत प्रेत की रात, भय का नाश होता है। विपत्ति, खतरे से सुरक्षा और शक्ति की प्राप्ति। काली चौदस की रात्रि में दीपक जलाकर 7 बार हनुमान चालीसा पढ़ने से भय का नाश होता है। शत्रु बाधाएं दूर होती हैं और आकस्मिक सुरक्षा मिलती है।