टैटू नहीं रक्तदान: आज के युवा फैशन के नाम पर तरह-तरह के टैटू बनवा रहे हैं। लेकिन डॉक्टर ऐसे लोगों को आपातकालीन स्थिति में रक्तदान करने की इजाजत नहीं देते हैं। इस तरह के नियम क्यों..? आइये देखते हैं..
मौजूदा पीढ़ी में टैटू का बहुत क्रेज है। हाथ, गर्दन, पीठ समेत शरीर के कई अन्य स्थानों पर टैटू बनवाए जा रहे हैं। कुछ लोग अपने शरीर पर अपने पसंदीदा लोगों के नाम का टैटू बनवाते हैं। दूसरों ने अपने शरीर पर विभिन्न डिज़ाइन गुदवाए हैं।
खासकर कुछ युवा अपने शरीर पर तरह-तरह के टैटू बनवा रहे हैं। अब सभी पुरुष और महिलाएं टैटू बनवा रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं.. अगर आपके शरीर पर कहीं भी टैटू या गुदना है तो कभी-कभी रक्तदान करना एक समस्या बन जाता है।
कई जगहों पर डॉक्टर खून का टैटू बनवाने से कतराते हैं। लेकिन अगर आपको टैटू बनवाए हुए 6 से 1 साल हो गया है तो आप रक्तदान कर सकते हैं। दरअसल, डॉक्टरों का कहना है कि शरीर पर टैटू होने से रक्तदान में कोई बाधा नहीं आती है।
टैटू हमेशा नई सुइयों से ही बनवाना चाहिए। कभी-कभी टैटू कलाकार एक ही सुई से कई लोगों को गोद देते हैं। यह टैटू वाले लोगों के लिए अच्छा नहीं है। ऐसे में तीन जानलेवा बीमारियां खून के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाती हैं।
इसलिए टैटू बनवाने से कम से कम छह महीने पहले सावधान रहें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि रोग शरीर में न फैले, छह महीने के बाद रक्त परीक्षण कराना चाहिए। फिर आप सुरक्षित रूप से रक्त दे सकते हैं, भले ही आपने टैटू गुदवाया हो। लेकिन कुछ विशेष मामलों में कुछ डॉक्टर एक साल तक रक्तदान करने पर रोक लगा देते हैं।