Maida Side Effects: मैदा आटे को बारीक पीसकर तैयार किया जाता है, जिसकी भारतीय खान-पान परंपरा में गहरी जड़ें हैं। पूरी, समोसा, नमक पारे आदि चीजें मैदे से बनाई जाती हैं। इससे बनी रेसिपी हमें आकर्षित कर सकती हैं, लेकिन अगर हम इसका अधिक सेवन करें तो हमें नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। आइए डॉ. इमरान अहमद से जानते हैं कि हमें मैदा का सेवन क्यों कम से कम करना चाहिए।
परिष्कृत आटे के हानिकारक प्रभाव
मैदा का अधिक सेवन करने से शरीर को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। सबसे पहले तो यह आटा हाई कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट का स्रोत है, जिससे वजन बढ़ता है और डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा मैदा खाने से आपके शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी हो सकती है। इन पोषक तत्वों के अलावा इसमें फाइबर भी कम पाया जाता है।
मैदा न केवल पोषक तत्वों की कमी का कारण बनता है, बल्कि यह आपके शरीर को कई अन्य तरीकों से भी नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप मैदा से बनी चीजें ज्यादा खाते हैं, तो आपकी कमर और पेट की चर्बी बढ़ सकती है। मोटापे की वजह से नसों में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है। जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, फिर दिल की बीमारियाँ हो सकती हैं, जैसे हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज और ट्रिपल वेसल डिजीज। इन बीमारियों की वजह से इंसान की मौत भी हो सकती है।
इसके अलावा मैदा से बनी ज़्यादातर चीज़ों में मसाले और तेल का इस्तेमाल किया जाता है, जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। चिप्स, पिज़्ज़ा और कई तरह के फ़ास्ट फ़ूड से ज़्यादा नुकसान हो सकता है। इसलिए हमें यह समझना होगा कि मैदा से बनी चीज़ों का कम से कम मात्रा में सेवन करना सुरक्षित हो सकता है, लेकिन ज़्यादा मात्रा में इसका सेवन हमारी सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। इसलिए हमें अपने खाने में मैदा की जगह साबुत अनाज का इस्तेमाल करना चाहिए और स्वस्थ और संतुलित आहार के महत्व को समझना चाहिए।