जलेबी का इतिहास: जीवन में कई उलझनें होती हैं कभी करियर को लेकर तो कभी रिश्तों को लेकर, हर दुविधा की एक फिलॉसफी होती है, जो हमें उस उलझन में मीठी लगती है, जलेबी जैसी मीठी दुनिया में सबसे मशहूर है मिठाइयों में से एक.
इसे भारत की राष्ट्रीय मिठाई का दर्जा भी दिया गया है। जलेबी से हमारा रिश्ता सिर्फ स्वाद का नहीं है, बल्कि मेलों, बाजारों, त्योहारों, उत्साह और खुशी में जलेबी हमेशा हमारी भावनाओं की चाशनी में मिठास घोलती है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी पसंदीदा मीठी जलेबी भारत कैसे आई और इसका इतिहास कितना पुराना है? तो आइए जानते हैं देश की राष्ट्रीय मिठाई से जुड़े रोचक तथ्य।
जलेबी का इतिहास क्या है?
इतिहासकारों के अनुसार जलेबी ईरानी मिठाई जलाबिया या जुलबिया की बहन है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जलेबी का जिक्र 10वीं सदी की किताब ‘किताब-अल-तबिख’ में मिलता है, इसके करीब 500 साल बाद जैन लेखक जिनासुर की किताब ‘प्रियंकरणपकथा’ में ऐसी ही मिठाई का जिक्र है जो शायद अरब आक्रमणकारियों के साथ भारत आई थी.
भारत में ‘जल्लव’ नामक मिठाई का उल्लेख सबसे पहले गुप्त काल में मिलता है। दावा किया जाता है कि बाद में इसे जलेबी के नाम से जाना जाने लगा। खैर जलेबी का इतिहास भले ही कितना भी काला क्यों न हो, इसका वर्तमान स्वाद से भरपूर है। यह मिठाई भारत समेत दुनिया के कई देशों में बड़े चाव से खाई जाती है.