भारत रत्न: रतन टाटा ने बुधवार रात अंतिम सांस ली। इस खबर को सुनने के बाद पूरा देश सदमे में है। रतन टाटा ने देश के लिए जो किया, उसकी वजह से हर कोई उनके प्रति सम्मान रखता है। इस बीच उनके निधन के बाद अब उन्हें भारत रत्न देने की मांग उठ रही है. शिवसेना ने उन्हें भारत रत्न देने की भी मांग की है. शिव सेना नेता राहुल कनाल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर भारत रत्न पुरस्कार के लिए रतन टाटा का नाम केंद्र सरकार को प्रस्तावित करने का आग्रह किया है।
भारत रत्न सम्मान क्या है?
भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह पुरस्कार किसी भी क्षेत्र में असाधारण सेवा प्रदान करने वाले लोगों को दिया जाता है। जिसमें जाति, पेशा, पद या लिंग का भेदभाव नहीं किया जाता है। भारत रत्न की स्थापना वर्ष 1954 में हुई थी। भारत रत्न के पहले प्राप्तकर्ता चक्रवर्ती राजगोपालाचारी और सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे। इंदिरा गांधी भारत रत्न पाने वाली पहली महिला थीं।
मरणोपरांत भारत रत्न का सम्मान किसे मिला?
भारत रत्न जीवित लोगों को दिया जाता है लेकिन कुछ हस्तियां ऐसी भी हैं जिन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। लाला लाजपत राय मरणोपरांत यह सम्मान पाने वाले पहले व्यक्ति थे। वह भारत के दूसरे प्रधान मंत्री थे और उन्होंने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत को जीत दिलाई। इसके अलावा कर्पूरी ठाकुर, चौधरी चरण सिंह, एमएस स्वामीनाथन, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, बाबा साहेब अंबेडकर, महर्षि दयानंद सरस्वती, राजकुमार सान्याल समेत 18 लोगों को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।
मृत्यु के बाद भारत रत्न देने का क्या महत्व है?
मरणोपरांत भारत रत्न देने का उद्देश्य उन व्यक्तियों के योगदान को पहचानना है जो जीवित नहीं हैं लेकिन जिनके कार्यों और विचारों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा है। यह सम्मान उनके योगदान को याद रखने और भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने का एक माध्यम है।
भारत रत्न का यह सम्मान न केवल प्राप्तकर्ता के लिए बल्कि उनके परिवार और समाज के लिए भी गर्व की बात है। यह पुरस्कार उस विरासत का हिस्सा है जो भारतीय संस्कृति और समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।