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कागज के कप में रखी चाय 15 मिनट में बन जाती है जहर, जानिए IIT के अध्ययन में क्या हुआ खुलासा

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घर से बाहर चाय पीना  सेहत के साथ समझौता करने जैसा है। यह बात लगभग सभी जानते हैं। हालांकि, प्लास्टिक के कप की जगह पेपर कप में चाय मिलने से थोड़ी राहत मिली। क्योंकि पेपर में ऐसे कोई केमिकल नहीं होते जो शरीर को गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकें, जिसकी संभावना प्लास्टिक के कप और बर्तनों में ज्यादा होती है।

लेकिन  भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर के एक हालिया अध्ययन से  पता चला है कि डिस्पोजेबल पेपर कप में चाय पीना स्वास्थ्य के लिए उतना ही खतरनाक है जितना प्लास्टिक के कप में पीना। अध्ययन में कहा गया है कि इन कपों को अक्सर एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है, इनमें प्लास्टिक के अंश होते हैं जो गर्मी के संपर्क में आने पर रसायन छोड़ते हैं।

अध्ययन का उद्देश्य

इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य यह समझना था कि क्या डिस्पोजेबल पेपर कप चाय या अन्य गर्म तरल पदार्थों के संपर्क में आने पर प्लास्टिक लीक करते हैं। अध्ययन के शोधकर्ताओं ने विभिन्न प्रकार के पेपर कप का विश्लेषण किया और उनके अंदर प्लास्टिक सामग्री की मात्रा को मापा।

प्लास्टिक लीक होने लगता है

शोधकर्ताओं ने पाया कि ज़्यादातर डिस्पोजेबल पेपर कप में एक तरह की प्लास्टिक कोटिंग होती है जो कप को वाटरप्रूफ बनाती है। जब ये कप गर्म पेय पदार्थों के संपर्क में आते हैं, तो यह प्लास्टिक धीरे-धीरे लीक होने लगता है। नतीजतन, चाय या दूसरे गर्म पेय पदार्थों में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा बढ़ जाती है।

15 मिनट में तैयार हो जाएगी जहरीली गर्म चाय

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में सहायक प्रोफेसर और अध्ययन प्रमुख सुधा गोयल  का कहना है कि कागज़ के कप में गर्म  कॉफी या चाय पीने में लगने वाले 15 मिनट में  कप पर लगी माइक्रोप्लास्टिक परत क्षतिग्रस्त हो जाती है और गर्म पेय में 25,000 माइक्रोन आकार के कण निकल आते हैं।

माइक्रोप्लास्टिक शरीर के लिए जहरीले क्यों हैं?

अध्ययन के अनुसार, इन माइक्रोप्लास्टिक्स के सेवन से कई जानलेवा स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसमें हार्मोनल असंतुलन, प्रतिरक्षा प्रणाली में कमी और कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा शामिल है।