आयात-निर्यात का अर्थ है देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं की खरीद और बिक्री। यह प्रक्रिया व्यापार को सुगम बनाती है और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती है। आयात और निर्यात व्यवस्था छात्रों को विदेशी व्यापार के अवसर प्रदान करती है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए छात्रों में विश्लेषणात्मक सोच, व्यवसाय, अर्थव्यवस्था और नियमों की समझ होनी चाहिए।
बारहवीं पास करने के बाद बदलाव
उच्च शिक्षा की उपलब्धता
बैचलर डिग्री प्रोग्राम: छात्र बीए (बैचलर ऑफ आर्ट्स), बीबीए (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) या बीकॉम (बैचलर ऑफ कॉमर्स) जैसे बैचलर डिग्री प्रोग्राम में प्रवेश ले सकते हैं।
डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स: छात्र चाहें तो इसी विषय में इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजमेंट में डिप्लोमा कोर्स या सर्टिफिकेट प्रोग्राम जैसे शॉर्ट-टर्म कोर्स भी कर सकते हैं।
प्रबंधन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम: व्यवसाय प्रबंधन में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्र डिग्री पूरी करने के बाद स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं। इनमें निर्यात-आयात प्रबंधन के विशेष पाठ्यक्रम शामिल हैं। इसमें मास्टर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए), मास्टर इन कॉमर्स (एमकॉम) आदि शामिल हैं।
रोजगार के अवसर
निर्यात प्रबंधक : निर्यात प्रबंधक का काम निर्यात रणनीतियाँ बनाना, बाज़ार अनुसंधान करना और ग्राहकों के साथ संपर्क में रहना है।
योग्यता: बिजनेस मैनेजमेंट या कॉमर्स में डिग्री।
आय (भारत में): दो लाख से आठ लाख प्रति वर्ष।
आयात प्रबंधक : आयात प्रबंधक का मुख्य काम आयातित उत्पादों की गुणवत्ता की जांच करना है।
योग्यता: व्यवसाय प्रबंधन में विशेषज्ञता।
आय (भारत में): दो लाख से आठ लाख प्रति वर्ष।
सीमा शुल्क दलाल: उनका काम सीमा शुल्क प्रक्रियाओं में सहायता और सुविधा प्रदान करना है।
पात्रता: सीमा शुल्क नियमों का ज्ञान।
आय (भारत में): चार लाख से दस लाख प्रति वर्ष।
आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधक : उसका काम उत्पादों की आवाजाही और संचालन का प्रबंधन करना है।
योग्यता: लॉजिस्टिक्स या सप्लाई चेन मैनेजमेंट में डिग्री।
आय (भारत में): पांच लाख से पंद्रह लाख प्रति वर्ष।
बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर – नए बाजारों में वृद्धि और विकास के अवसर ढूंढना बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर का काम है।
योग्यता: मार्केटिंग या व्यवसाय विकास में अनुभव।
आय (भारत में): 3 लाख से 16 लाख प्रति वर्ष।
आयात और निर्यात समन्वयक : निर्यात और आयात कार्यों को ठीक से चलाना आयात और निर्यात समन्वयक का काम है।
योग्यता: व्यावसायिक प्रक्रियाओं की समझ।
आय (भारत में): चार लाख से छह लाख प्रति वर्ष।
विदेश व्यापार सलाहकार: इनका काम कंपनियों को विदेशी बाज़ारों के बारे में जानकारी प्रदान करना है और विदेशी बाज़ार में निवेश में मदद करना भी इनका काम है।
योग्यता: अर्थशास्त्र और व्यवसाय के क्षेत्र में ज्ञान।
आय (भारत में): नौ लाख से पंद्रह लाख प्रति वर्ष।
व्यापार और निवेश प्रबंधक : विदेशी निवेश के अवसरों का विश्लेषण।
योग्यता: वित्त और निवेश की समझ।
आय (भारत में): चार लाख से बीस लाख प्रति वर्ष।
गुण और कौशल
भाषा कौशल: उच्च पदों पर काम करने के लिए छात्रों को अंग्रेजी, हिंदी, चीनी आदि भाषाओं की समझ होनी चाहिए, ताकि वे विदेशी ग्राहकों के साथ संवाद कर सकें।
तकनीकी योग्यता: व्यवसाय से संबंधित सॉफ्टवेयर और तकनीकी आवश्यकताओं का ज्ञान होना चाहिए।
बाजार अनुसंधान: छात्रों में नए बाजारों और उत्पादों पर शोध करने की क्षमता भी होनी चाहिए।
चुनौतियों का सामना करना: छात्रों के लिए व्यवसाय की चुनौतियों और अवसरों को जानने और समझने की क्षमता होना महत्वपूर्ण है।