भारत आटा दरें: त्योहारी सीजन में आपकी रसोई का बजट भी बढ़ने वाला है क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से सस्ते आटे, चावल और दालों की कीमतें बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा रियायती दरों पर खाद्य सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है. सरकार की कैबिनेट ने इनकी कीमतें बढ़ाने पर चर्चा की है और अब जल्द ही इन्हें बढ़ी कीमतों पर बेचा जाएगा.
आम लोगों के लिए ये एक बुरी खबर हो सकती है कि इस बार भारत में आटा, चावल, दालें ये सभी बढ़े हुए दाम पर बिकेंगे. एक हफ्ते में इनकी बिक्री शुरू हो जाएगी. हालांकि इसके लिए लोगों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी.
10 किलो आटे की कीमत 275 रुपये से बढ़कर 300 रुपये हो जाएगी.
10 किलो चावल की कीमत 295 रुपये से बढ़कर 320 रुपये हो जाएगी.
1 किलो चना दाल की कीमत 60 रुपये से बढ़कर 70 रुपये प्रति किलो हो जाएगी.
हिंदू बिजनेस लाइन के मुताबिक, इस बार भारत दाल (मूंगफली) का रेट 107 रुपये प्रति किलो रखा जा सकता है और भारत दाल (दाल) इस बार सस्ते खाद्य उत्पादों की सूची में शामिल हो सकती है. इसके लिए 89 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर तय की जा सकती है.
केंद्र सरकार ने फरवरी में 5 किलो और 10 किलो के पैक में 29 रुपये प्रति किलो की दर से चावल बेचना शुरू किया था. भारत आटे की बिक्री नवंबर 2023 में 275 रुपये प्रति 10 किलोग्राम बैग पर शुरू की गई थी। हालांकि, जून में इनकी बिक्री पर रोक लगा दी गई थी।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, सरकार दरअसल मौजूदा समय में स्टॉक में रखे चावल की अधिकतम मात्रा का वितरण करना चाहती है। एक तरफ सरकार चावल सब्सिडी पर ज्यादा खर्च नहीं करना चाहती, वहीं दूसरी तरफ स्टॉक में रखे चावल की बड़ी सप्लाई को भी दुरुस्त करना चाहती है. इसके साथ ही विपणन वर्ष 2024-25 के लिए नई सरकारी खरीद भी शुरू हो गई है. इससे धान और गेहूं की नई फसल के भंडारण के लिए जगह बनाने के लिए अगले छह महीनों में गोदामों को खाली करने का दबाव पड़ेगा।
सरकार ने पहले ही साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से चावल बेचना शुरू कर दिया है, जिसके कारण इस वित्तीय वर्ष में एक लाख टन से अधिक चावल बेचा या उठाया जा चुका है। इस तरह चावल के बढ़े हुए स्टॉक को बनाए रखने की कोशिश की जा रही है.