पड़ोसी देश पाकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले वहां की व्यवस्था में भारी हलचल मची हुई है. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद की सड़कों पर पाकिस्तान की पूरी सेना उतार दी गई है. पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद-245 के तहत 5 से 17 अक्टूबर तक कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और सेना तैनात की गई है.
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान जा रहे हैं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शनिवार को कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन के शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भाग लेने के लिए इस महीने पाकिस्तान की यात्रा करेंगे। दिसंबर-2015 के बाद यह किसी भारतीय विदेश मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा होगी. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 2015 में अफगानिस्तान पर एक सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान गईं थीं।
शंघाई सहयोग संगठन की बैठक 15 से 16 अक्टूबर के बीच होने वाली है. जिसमें कई विदेशी मेहमान राजधानी में रुकेंगे. उधर, पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थकों ने इस्लामाबाद के डी-चौक पर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. इमरान खान रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
इमरान समर्थक इस्लामाबाद आ रहे हैं
इमरान खान के समर्थक उनकी रिहाई की मांग को लेकर इस्लामाबाद की ओर मार्च कर रहे हैं. खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के नेतृत्व में पीटीआई समर्थकों ने राजधानी के डी चौक पर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की। पुलिस ने समर्थकों को रोकने के लिए कई इंतजाम किये हैं. पूरे शहर में धारा 144 लागू है और सभी प्रवेश मार्गों को बंद कर दिया गया है।
सरकार पहले ही इमरान खान से प्रदर्शन स्थगित करने को कह चुकी है. पीटीआई समर्थकों का कहना है कि सिर्फ इमरान खान ही उन्हें इस्लामाबाद जाने से रोक सकते हैं. शुक्रवार को पुलिस ने देश के अलग-अलग शहरों से सैकड़ों पीटीआई समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया, जो प्रदर्शन में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद आ रहे थे.
पूरा पाकिस्तान एक अभेद्य किले में बदल गया
पूर्व पीएम इमरान खान के समर्थकों का प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहा है जब इस्लामाबाद में एससीओ की बैठक होने वाली है. जिसमें एससीओ सदस्य भारत, ईरान, कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल इस्लामाबाद आने वाले हैं। वीवीआईपी मूवमेंट की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद की सुरक्षा का जिम्मा पाकिस्तानी सेना को सौंप दिया है.