बिहार में बाढ़ का खतरा कम होने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार से एक के बाद एक बाढ़ से नुकसान की खबरें सामने आ रही हैं. कहीं बाढ़ के कटान से पक्के मकान ढह रहे हैं तो कहीं लोगों के घर और खेत दोनों डूब गये हैं. आज भी बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर है. पानी के अत्यधिक बहाव के कारण नदियाँ और नहरें उफान पर हैं। प्रशासन भी लगातार राहत कार्य में लगा हुआ है.
राज्य के जल संसाधन विभाग ने गुरुवार को जारी नये बुलेटिन में कहा कि राज्य में कोसी, गंडक, बागमती, महानंदा और गंगा समेत अधिकांश नदियां विभिन्न स्थानों पर खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं. गंगा किनारे के लगभग 12 जिले, बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगुसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार, जिनकी 25 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। साथ ही अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है.
बाढ़ के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है
वहीं गंडक, कोसी, बागमती में बाढ़ से 18 जिले पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढी, अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, गोपालगंज प्रभावित हुए. महानंदा और अन्य नदियों में बाढ़ से सारण और खगड़िया में करीब 16.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
नेपाल से पानी छोड़ा जा रहा है
बाढ़ के कारण जगह-जगह तटबंध टूट रहे हैं, जिससे लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है. बाढ़ के कारण लोगों को भोजन के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बिहार में बारिश नहीं हो रही है, लेकिन नेपाल से छोड़े जा रहे पानी के कारण बिहार के करोड़ों लोग बाढ़ का सामना कर रहे हैं. लाखों लोग पलायन करने को मजबूर हो गए हैं.
एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव में जुटीं
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए वायु सेना के हेलीकॉप्टर लोगों को राहत पहुंचा रहे हैं, पिछले तीन दिनों में वायु सेना के हेलीकॉप्टरों ने सीतामढी और दरभंगा जिले में राहत सामग्री पहुंचाई है. बिहार में बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टरों के साथ एनडीआरएफ की कुल 17 टीमें और एसडीआरडी की 19 टीमें तैनात की गई हैं।