जर्मनी ने वनप्लस और ओप्पो दोनों ब्रांड के स्मार्टफोन की बिक्री पर रोक लगा दी है। इस रोक की वजह पेटेंट चोरी का मामला है। वायरलेस टेक रिसर्च एंड डेवलपमेंट कंपनी इंटरडिजिटल के मुताबिक ओप्पो और वनप्लस पर बिना अनुमति के 5G तकनीक का इस्तेमाल करने का आरोप है।
यह पहली बार नहीं है जब वनप्लस पर प्रतिबंध लगाया गया है
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब वनप्लस पर इस तरह के आरोप लगे हैं। करीब 2 साल पहले भी वनप्लस पर इसी तरह के एक मामले में नोकिया का पेटेंट चुराने का आरोप लगा था। इससे वनप्लस और उसकी सहयोगी कंपनी ओप्पो की बिक्री पर असर पड़ा था।
स्मार्टवॉच समेत बाकी उत्पाद पहले की तरह ही बिकेंगे
हालांकि, एक बार फिर वनप्लस स्मार्टफोन्स की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। आपको बता दें कि यह रोक स्मार्टफोन्स पर लगाई गई है, जबकि वनप्लस ब्रांड के ईयरबड्स, स्मार्टवॉच, टैबलेट पहले की तरह बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे।
वनप्लस ने एक बयान जारी किया
चीनी स्मार्टफोन कंपनी वनप्लस ने इस मामले में बयान जारी किया है, जिसके मुताबिक कंपनी इंटरडिजिटल के साथ लगातार संपर्क में है और उम्मीद है कि जल्द ही मामला सुलझ जाएगा, ताकि जर्मनी में फिर से स्मार्टफोन की बिक्री शुरू हो सके। वनप्लस ने कहा कि वनप्लस उच्च मूल्य बौद्धिक संपदा अधिकारों के नियमों का पालन करता है। यह पेटेंट के नियमों का भी पालन करता है, जो उद्योग के विकास के लिए जरूरी है। पेटेंट क्या होता है?
पेटेंट एक अधिकार है। पेटेंट का अधिकार किसी व्यक्ति या संस्था को उसकी नवीन तकनीक के लिए दिया जाता है। सरल शब्दों में कहें तो मान लीजिए सैमसंग ने AMOLED डिस्प्ले बनाया है, जो अन्य डिस्प्ले तकनीकों में सबसे बेहतरीन है, तो यह सैमसंग की अपनी तकनीक है, जिसका पेटेंट सैमसंग के पास होगा। अगर कोई दूसरा ब्रांड AMOLED तकनीक का इस्तेमाल करना चाहता है, तो उसे सैमसंग से अनुमति लेनी होगी। अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो उसके उत्पाद पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
रॉयल्टी का भुगतान करना होगा
पेटेंट का मतलब है कि कोई भी दूसरा उसकी तकनीक की नकल नहीं कर सकता। पेटेंट एक ऐसा कानूनी अधिकार है। अगर आप किसी और की पेटेंटेड तकनीक का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इसकी अनुमति लेनी होगी। साथ ही आपको रॉयल्टी भी देनी होगी।