जाने-माने फिजीशियन डॉ. बिमल छाजेड़ ने यूट्यूब पर दिए इंटरव्यू में कहा, “यह स्वाभाविक रूप से खुद पैदा होने वाली बीमारी है। लोगों की जीवनशैली बिगड़ रही है, वे शारीरिक मेहनत नहीं कर रहे हैं, बहुत ज्यादा वसायुक्त खाना खा रहे हैं, बहुत ज्यादा तनाव है। इसके अलावा धूम्रपान, तंबाकू, गुटखा। ये सब मिलकर हृदय रोग को बढ़ा रहे हैं।”
दिल का दौरा कैसे पड़ता है?
डॉ. बिमल ने बताया, “हृदय में 3 नलियाँ होती हैं, जो रक्त को हृदय तक पहुँचाती हैं। इनके अंदर चर्बी की एक परत जम जाती है। अगर हम चर्बी खाते हैं और उसे तोड़ते नहीं हैं, तो यह अंदर ही जमती रहती है। इस चर्बी का नाम है ‘कोलेस्ट्रॉल ट्राइग्लिसराइड’। यह जमा होते-होते नलियों को ब्लॉक कर देती है। जब तक 70 से 80 प्रतिशत ब्लॉकेज नहीं हो जाता, तब तक पता भी नहीं चलता। फिर यह ब्लॉकेज बढ़ती जाती है। तो एक न एक दिन यह हार्ट अटैक में बदल जाती है। हार्ट अटैक का मतलब है 100 प्रतिशत ब्लॉकेज। हार्ट अटैक की ब्लॉकेज को किसी भी स्टेज पर कम किया जा सकता है।”
“एक बच्चा जो पैदा होता है, वो ब्लॉकेज लेकर नहीं आता। फिर वो 10 साल, 15 साल, फिर 20 साल तक बढ़ता है। तब तक अगर वो चर्बी भी खाए तो कोई दिक्कत नहीं होती। जिस दिन उसकी ग्रोथ रुक जाती है, हाइट बढ़ना बंद हो जाती है। उसके बाद जो चर्बी बनेगी, वो ग्रोथ के काम नहीं आएगी। अब वो या तो चौड़ाई में बढ़ेगी या फिर दिल के अंदर।”
लोग देर से उठते हैं
डॉ. बिमल के अनुसार, “जिस दिन आपको चलने में दिक्कत होने लगे, समझ लीजिए कि 70 से 80 प्रतिशत ब्लॉकेज है। यानी इस स्टेज से पहले कोई भी डॉक्टर के पास नहीं पहुंचता। हर स्टेज पर रोकथाम होनी चाहिए, लेकिन आम आदमी तब तक कुछ नहीं करता, जब तक उसे कोई दिक्कत न आ जाए, लेकिन रोकथाम पहले ही कर लेनी चाहिए।”
दिल का दौरा पड़ने के बहुत सारे कारण हैं
डॉ. बिमल छाजेड़ ने कहा, “हृदय रोग होने के कई कारण हैं, सिर्फ एक कारण नहीं है, बल्कि 14 कारण हैं। खून में कोलेस्ट्रॉल का अधिक होना, खाने में ट्राइग्लिसराइड का अधिक होना, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, मोटापा, धूम्रपान, बहुत अधिक तेल खाना, बहुत अधिक नॉनवेज खाना, कम फल खाना, बहुत अधिक दूध पीना या अधिक दूध मक्खन खाना, बहुत अधिक तनाव लेना, कम चलना, योग न करना आदि। इनमें से अगर 2 से 4 प्रमुख कारण हैं, तो ब्लॉकेज की गति बढ़ जाएगी।”
युवाओं को दिल का दौरा क्यों पड़ रहा है?
डॉ. बिमल ने इसके पीछे चौंकाने वाली वजह बताई है, उन्होंने कहा, “पहले के समय में दिल की बीमारी 60 की उम्र में होती थी, यानी 20 की उम्र में शुरू होती थी और फिर 60 की उम्र में हार्ट अटैक होता था, यानी ब्लॉकेज होने में 40 साल लगते थे. यानी अगर 40 साल में 80 फीसदी ब्लॉकेज है तो ये 2 फीसदी प्रति वर्ष की दर से हो रहा है.”
“अब आज के युवा तनाव में हैं, अस्वस्थ भोजन खा रहे हैं, धूम्रपान कर रहे हैं, उनके पास व्यायाम के लिए समय नहीं है, उनका वजन अधिक हो गया है, तो और भी कई कारणों की वजह से ब्लॉकेज की गति बढ़ गई है। अगर किसी को हर साल 4 प्रतिशत ब्लॉकेज हो रही है, तो 40 की उम्र तक 80 प्रतिशत ब्लॉकेज हो जाएगी, अगर किसी को 6 प्रतिशत प्रति वर्ष की गति से ब्लॉकेज हो रही है, तो वो 30 की उम्र में हृदय रोगी बन जाएगा। यानी ब्लॉकेज की गति के कारण कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक आ रहे हैं।”