Shardiya navratri 2024: इस साल 3 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू हो रही है. नवरात्रि के दौरान लोग घरों में गरबनी और कलश की स्थापना करते हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। पुराणों में कलश को भगवान विष्णु का प्रतीक बताया गया है। नवरात्रि के नौ दिनों तक कलश की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। नवरात्रि के दौरान घर पर पूजा करने वाले व्यक्ति के पाप और पुनर्जन्म के खतरे दूर हो जाते हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं नवरात्रि में पूजा करने के वास्तु तरीकों के बारे में। इस उपाय से जीवन में इतनी समृद्धि बढ़ जाती है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
नवरात्रि पूजन के वास्तु नियम
1. वास्तु शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि में कलश की स्थापना ईशान कोण यानि उत्तर पूर्व दिशा में करनी चाहिए। यह दिशा देवी-देवताओं की दिशा है। इस दिशा में मां दुर्गा की प्रतिमा और कलश रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
2.नवरात्रि के नौ दिनों तक घर में अखंड ज्योत जलाई जाती है। आज घर में पूजा दक्षिण पूर्व दिशा में करनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार अखंड ज्योत बनाने की यह दिशा सबसे शुभ होती है। यहां अखंड ज्योत रखने से परिवार के लोगों को अच्छा स्वास्थ्य मिलता है और घर में धन का प्रवाह बढ़ता है।
3. घर में नकारात्मक ऊर्जा को प्रवेश करने से रोकने के लिए नवरात्रि के पहले दिन घर के मुख्य दरवाजे पर ॐ का चिन्ह बनाएं साथ ही समृद्धि को आकर्षित करने के लिए मां लक्ष्मी के पैर का चिन्ह बनाएं। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करेगी और परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी।
4. वास्तुशास्त्र के अनुसार नौकरी या बिजनेस में तरक्की के लिए घर या ऑफिस के मुख्य दरवाजे के पास एक छोटा कलश रखें। इसमें चावल और फूल सहित सामग्री रखें। माना जाता है कि ऐसा करने से करियर में सफलता मिलती है।