चीनी को लंबे समय से कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण माना जाता रहा है, खासकर वजन बढ़ने और मधुमेह जैसी बीमारियों के मामले में। यही वजह है कि कई लोगों ने चीनी के दूसरे विकल्प इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
आर्टिफिशियल स्वीटनर: चीनी का सुरक्षित विकल्प या मीठा जहर? विशेषज्ञों से जानें पूरी सच्चाई
चीनी लंबे समय से कई स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी हुई है, खासकर वजन बढ़ने और मधुमेह जैसी बीमारियों के मामले में। यही कारण है कि कई लोग चीनी के दूसरे विकल्पों (जैसे कृत्रिम मिठास) की ओर रुख कर रहे हैं। ये मिठास कम कैलोरी के साथ ज़्यादा मिठास देने का दावा करती हैं, जिससे लोग इन्हें बेहतर विकल्प मानते हैं।
ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल उठता है कि क्या चीनी के ये विकल्प वाकई सुरक्षित हैं या फिर इनके पीछे कुछ स्वास्थ्य जोखिम छिपे हैं? आइए विस्तार से जानते हैं।
कृत्रिम मिठास के प्रकार
एस्पार्टेम: एस्पार्टेम चीनी से 200 गुना ज़्यादा मीठा होता है और इसे शुगर फ़्री और इक्वल जैसे ब्रांड नामों से बेचा जाता है। हालाँकि इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और FDA द्वारा सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ अध्ययनों ने इसे कैंसर के बढ़ते जोखिम से जोड़ा है।
सुक्रालोज़: सुक्रालोज़ चीनी से 600 गुना ज़्यादा मीठा होता है और इसे स्प्लेंडा नाम से बेचा जाता है। 2022 के एक अध्ययन के अनुसार, इसका आंतों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालाँकि, कैंसर के जोखिम से इसके संबंध की पुष्टि करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
सैकरीन: सैकरीन सबसे पुराने कृत्रिम स्वीटनर में से एक है, जो चीनी से 400 गुना ज़्यादा मीठा होता है। कैंसर के खतरे के कारण 1970 के दशक में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन बाद में चेतावनी के साथ इसे फिर से उपलब्ध करा दिया गया।
नियोटेम और एडवांटेम : ये दोनों ही बेहद मीठे कृत्रिम स्वीटनर हैं, नियोटेम 8,000-12,000 गुना मीठा है और एडवांटेम 20,000 गुना मीठा है। हालाँकि अभी तक कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं पाया गया है, लेकिन अधिक शोध की आवश्यकता है।
प्राकृतिक विकल्प: स्टीविया और मोंक फ्रूट
स्टेविया और मॉन्क फ्रूट जैसे प्राकृतिक स्वीटनर को कृत्रिम स्वीटनर से ज़्यादा सुरक्षित माना जाता है। स्टेविया को पाचन समस्याओं से जोड़ा गया है, जबकि मॉन्क फ्रूट को आम तौर पर सुरक्षित माना जाता है। हालाँकि, किसी भी स्वीटनर का अत्यधिक उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट संध्या गुगनानी के अनुसार, आर्टिफिशियल स्वीटनर का सीमित और कम इस्तेमाल सुरक्षित हो सकता है। हालांकि, इनके अत्यधिक सेवन से आंतों के स्वास्थ्य, कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, चीनी और आर्टिफिशियल स्वीटनर दोनों के अत्यधिक इस्तेमाल से बचना चाहिए और संतुलित आहार पर ध्यान देना चाहिए।