नव-सगाई वाले जोड़े के लिए रिलेशनशिप टिप्स : रिश्ता तय होने के बाद सगाई दो लोगों और उनके परिवारों के बीच एक प्रतिबद्धता है। सगाई से लेकर शादी तक का समय जोड़े को एक-दूसरे को समझने का समय देता है। सगाई के बाद कपल के पास एक-दूसरे के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने का मौका होता है।
प्रेम विवाह में जोड़ा पहले से ही एक-दूसरे को जानता है, लेकिन अरेंज मैरिज में जोड़ा एक-दूसरे को जानता तक नहीं है। ऐसे में जब वे शादी के बाद एक-दूसरे के साथ रहने लगते हैं तो उन्हें बहुत कुछ समझना पड़ता है। हालाँकि, सगाई और शादी के बीच का समय आपको अपने मंगेतर की पसंद-नापसंद, व्यवहार और जीवनशैली को समझने का बेहतर मौका देता है। इससे यह तय करना आसान हो जाता है कि आप शादी के बाद अपने जीवनसाथी के साथ कैसे रहना चाहते हैं। इससे रिश्ते की परेशानियां कम होती हैं और रिश्ता मजबूत होता है। तो आइए जानें, सगाई के बाद मंगेतर से रिश्ता मजबूत करने के टिप्स….
इन सुझावों का पालन करें
सपनों और लक्ष्यों के बारे में बात करें
सगाई के बाद का समय न केवल शादी की तैयारियों के लिए बल्कि शादी के बाद जीवन की योजना बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। शादी के बाद कहां रहना है यह भी तय करना जरूरी है। अगर किसी नई जगह पर शिफ्ट होना है तो उसकी तैयारी कर लें। भविष्य के लिए आपसी सपनों और लक्ष्यों पर चर्चा करें, जैसे- यात्रा करना, घर खरीदना आदि। साथ ही विवाह स्थल और उसकी बुकिंग के साथ-साथ दूल्हा-दुल्हन के कपड़े आदि के बारे में भी चर्चा करनी चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन सफल होगा।
हनीमून की योजना बनाएं
शादी के बाद आप दोनों अपने हनीमून के लिए कहां जाएंगे, आप दोनों को एक-दूसरे से बात करनी चाहिए और अपने दोनों पसंदीदा स्थानों को मिलाकर टूर को सफल बनाना चाहिए। इससे आप दोनों को एक-दूसरे को जानने का मौका मिलेगा और आप दोनों एक-दूसरे के करीब आएंगे। इससे दांपत्य रिश्ता खुशहाल रहेगा।
रीति-रिवाजों के बारे में जानें
सगाई के बाद जोड़ों के लिए एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने और समझने का समय होता है। इस दौरान रिश्तों की नींव मजबूत हो सकती है। एक-दूसरे की पसंद-नापसंद के बारे में जानें। एक-दूसरे के शौक और रुचियों को जानें और उन्हें अपनाने का प्रयास करें। एक-दूसरे की दिनचर्या और आदतों के बारे में जानने की कोशिश करें। अपने मंगेतर के परिवार की परंपराओं और रीति-रिवाजों के बारे में जानें। किसी भी खुशहाल रिश्ते के लिए खुला संचार आवश्यक है।
एक-दूसरे की बात ध्यान से सुनें
किसी भी रिश्ते की मजबूती का आधार विश्वास है। ऐसी स्थिति में अपनी भावनाओं, इच्छाओं और चिंताओं को एक-दूसरे के साथ ईमानदारी से साझा करें। अगर आपका पार्टनर कुछ कह रहा है तो ध्यान से सुनें और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। एक-दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं ताकि आप एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जान सकें। साथ ही एक-दूसरे को पर्सनल स्पेस भी दें।