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Cannabis: भारत में किन जगहों पर होती है भांग की खेती? जानिए किन चीजों का होता है इस्तेमाल

कैनबिस सैटिवा: गांजा एक पौधा है जो अपनी औषधीय, औद्योगिक और सांस्कृतिक उपयोगिता के लिए जाना जाता है। भारत में गांजे की खेती और उपयोग का एक लंबा इतिहास है, इसका उपयोग विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। हालाँकि भांग की खेती भारत के कई हिस्सों में की जाती है, लेकिन यह मुख्य रूप से पूर्वोत्तर राज्यों में उगाई जाती है। तो आइए जानते हैं कि भारत के किन राज्यों में भांग की खेती की जाती है और इसका इस्तेमाल किन उत्पादों में किया जाता है।

गांजे की खेती मुख्य रूप से इन्हीं राज्यों में की जाती है

भारत में भांग की खेती विशेषकर पूर्वोत्तर राज्यों में की जाती है।

हिमाचल प्रदेश: देश में सबसे ज्यादा भांग की खेती हिमाचल प्रदेश में होती है, खासकर किन्नौर, मंडी और कुल्लू जिलों में। यहां भांग का उपयोग पारंपरिक और औषधीय दोनों उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

उत्तराखंड: उत्तराखंड में भांग की खेती पारंपरिक रूप से की जाती है। यहां के पहाड़ी इलाकों में इसका उपयोग स्थानीय औषधीय उपचारों और धार्मिक समारोहों में भी किया जाता है।

सिक्किम: सिक्किम में भांग की खेती मुख्य रूप से इसके पारंपरिक उपयोग के लिए की जाती है। यहां की जलवायु भांग की खेती के लिए उपयुक्त है।

अरुणाचल प्रदेश: अरुणाचल प्रदेश में भांग की खेती भी की जाती है, जिसका उपयोग पारंपरिक चिकित्सा और अन्य उपयोगों के लिए किया जाता है।

भांग का उपयोग न केवल नशे के लिए किया जाता है, बल्कि इसका उपयोग औषधीय, धार्मिक और सांस्कृतिक, औद्योगिक रूप से भी किया जाता है और भांग के बीजों का उपयोग खाने-पीने में भी किया जाता है। भुने हुए या पाउडर के रूप में भोजन में मिलाए जाने वाले भांग के बीज प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं।