वाराणसी, 03 सितम्बर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में सप्ताह भर चलने वाले आत्महत्या रोकथाम जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत चार सितम्बर, बुधवार से होगी। इसमें आत्महत्या रोकथाम के विषय पर जागरूकता एवं जानकारी के प्रसार के लिए विविध गतिविधियों को शामिल किया जाएगा। 10 सितंबर तक चलने वाले इस अभियान में विभिन्न स्तर के विद्यार्थियों की प्रतिभागिता से सूचना व समझ के विस्तार पर ज़ोर दिया जाएगा, तथा विद्यार्थी कल्याण एवं सामुदायिक सक्रियता और संवेदनशीलता को बढ़ाने का प्रयास होगा।
विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार सप्ताह व्यापी कार्यक्रम में पोस्टर मेकिंग, ओपन माइक सेशन, स्लोगन राइटिंग, संवाद सत्र, नुक्कड़ नाटक तथा जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। ये गतिविधियां विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 2024 के विषय आत्महत्या के विषय में प्रचलित धारणाओं में बदलाव लाने तथा इस बारे में संवाद शुरू करने के अनुरूप है। इस वर्ष की थीम आत्महत्या से जुड़ी भ्रांतियों व गलत धारणाओं को चुनौती देने व खुले संवाद की आवश्यकता को रेखांकित करती है। साथ ही इस संबंध में चुप रहने के बजाय समझदारीपूर्ण व सहयोगात्मक संवाद की वकालत करती है।
जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि इस अभियान में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर, दक्षिणी परिसर तथा विद्यालयों के विद्यार्थियों की सक्रिय प्रतिभागिता दिखेगी। छात्र अधिष्ठाता के नेतृत्व में आयोजित इस अभियान का समन्वय सह-छात्र अधिष्ठाता (विद्यार्थी कल्याण) एवं स्टूडेंट काउंसलर द्वारा डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन अध्येताओं के योगदान से किया जा रहा है। इस अभियान के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य व चुनौतियों के संकेतों, तथा इन से निपटने में सहायक उपलब्ध संसाधनों के बारे में विद्यार्थी एवं सामुदायिक जानकारी दी जाएगी। आयोजन में जुटी टीम के सदस्यों का मानना है कि इस पहल के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं के बारे में प्रचलित धारणाओं को चुनौती देकर लोगों को बिना झिझक इस विषय पर बात करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।