रिफाइंड ऑयल के साइड इफेक्ट्स क्या हैं: उत्तर भारत में छोले भटूरे पसंद करने वालों की कमी नहीं है, खासकर दिल्ली में तो हर गली-नुक्कड़ पर इसकी दुकानें मिल जाती हैं। हमारी दादी-नानी के जमाने में भटूरे शुद्ध देसी घी में तले जाते थे, लेकिन आजकल इसके लिए रिफाइंड ऑयल का खूब इस्तेमाल हो रहा है। डायटीशियन आयुषी यादव ने बताया कि इस कुकिंग ऑयल में ट्रांस फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो सेहत को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।
रिफाइंड तेल में तले हुए भटूरे खाने के नुकसान
1. मोटापा
रिफाइंड तेल में अत्यधिक कैलोरी होती है जिससे पेट और कमर के आसपास अत्यधिक चर्बी जमा हो जाती है। अगर आप भी मोटापे के शिकार हैं तो इसका सेवन तुरंत बंद कर दें।
2. हृदय रोग
रिफाइंड तेल में अधिक से अधिक ट्रांस फैट का उपयोग करने से हृदय रोग का खतरा कई गुना बढ़ जाता है क्योंकि इससे रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है।
3. वायु प्रदूषण
रिफाइंड तेल तैयार करने और उसे प्रोसेस करने में बहुत ज़्यादा वायु प्रदूषण होता है, जो फेफड़ों की बीमारी और ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनता है। ख़ास तौर पर इस तेल फैक्ट्री में काम करने वालों को सांस लेने में दिक्कत होती है।
4. मधुमेह
मधुमेह के रोगियों को रिफाइंड तेल में बने भटूरे बिल्कुल नहीं खाने चाहिए क्योंकि इससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है जो स्वास्थ्य को खराब कर सकता है।
5. मृदा प्रदूषण
रिफाइंड तेल की पैकेजिंग से बड़ी मात्रा में प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है और मृदा प्रदूषण का प्रमुख कारण बनता है।
6. तंत्रिका संबंधी समस्याएं
रिफाइंड तेल के अत्यधिक सेवन से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
7. विटामिन और खनिज की कमी
रिफाइंड तेल के प्रसंस्करण में विटामिन और खनिज जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
8. कैंसर
रिफाइंड तेल को बार-बार गर्म करना इसे और भी खतरनाक बना सकता है क्योंकि इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।