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‘एक महिला क्या चाहती है’…करीना कपूर ने किया बड़ा ऐलान

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बॉलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर खान इस वक्त अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बना रही हैं। वह परिवार की देखभाल के साथ-साथ प्रोजेक्ट्स भी कर रही हैं। अब करीना के मशहूर टॉक शो ‘व्हाट वुमेन वॉन्ट’ को लेकर आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। एक्ट्रेस ने खुद अपने शो के बारे में फैंस को जानकारी दी है. एक्ट्रेस ने ये भी बताया है कि एक महिला क्या चाहती है.

करीना ने सीजन 5 की घोषणा की

करीना कपूर ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो स्टोरी शेयर की है. करीना ने सेट से शूटिंग के पहले दिन का एक वीडियो साझा किया जिसमें उन्होंने कहा कि वह ‘व्हाट वीमेन वांट’ के दूसरे नए सीजन के साथ तैयार हैं। वह सीजन 5 के लिए पहले दिन की शूटिंग कर रही हैं। इसके अलावा करीना ने अपने फैन्स से कहा है कि उन्हें पता है कि एक महिला सेट पर मौजूद लड़कियों से क्या चाहती है. इसके बाद एक महिला ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा की जरूरत है तो किसी ने कहा कि हर महिला अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती है.

इस शो में बड़ी-बड़ी हस्तियां नजर आई थीं

करीना कपूर का चैट शो ‘व्हाट वीमेन वांट’ बॉलीवुड और मनोरंजन की दुनिया का एक नया और दिलचस्प शो है। इस शो में करीना कपूर अपने खास मेहमानों से बात करती हैं और महिलाओं से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा करती हैं. दर्शकों को करीना का ये शो काफी पसंद आया है. करीना कपूर के चैट शो में अब तक कई मेहमान आ चुके हैं, जिनमें नेहा धूपिया, सारा अली खान और कई दिग्गज अभिनेत्रियां शामिल हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़े कई राज खोले हैं।

करीना की ‘प्रेग्नेंसी बाइबिल’ पर विवाद

फिलहाल करीना कपूर अपनी किताब ‘प्रेग्नेंसी बाइबिल’ की वजह से चर्चा में हैं। दरअसल, 2021 में करीना ने प्रेग्नेंसी के दौरान अपने निजी अनुभवों पर आधारित एक किताब लॉन्च की थी। किताब के शीर्षक में ‘बाइबिल’ शब्द के इस्तेमाल को लेकर क्रिस्टोफर एंथोनी ने तर्क दिया कि इससे ईसाई धर्म की भावनाएं आहत होती हैं. उन्होंने इस मामले पर एफआईआर दर्ज करने के लिए जबलपुर हाई कोर्ट में आवेदन किया।

अब इस मामले में करीना कपूर के वकील ने कोर्ट को जवाब भेजा है. करीना ने जवाब दिया है कि ‘प्रेग्नेंसी बाइबल’ टाइटल से किसी की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होती हैं। वकील ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार बाइबिल शब्द का इस्तेमाल किया है. इस किताब के शीर्षक से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था.