पेरेंटिंग टिप्स: दादा-दादी अक्सर छोटे बच्चों को कान में दर्द या कान में मैल होने पर कान में तेल डालने की सलाह देते हैं। हो सकता है कि आपने भी बचपन में अक्सर अपने बड़ों की सलाह पर ऐसा किया हो। लेकिन क्या आप वाकई जानते हैं कि ऐसा करना सही है या नहीं? विशेषज्ञों के अनुसार, कान में तेल डालने से ये समस्याएं ठीक नहीं होती हैं, लेकिन इससे कान में संक्रमण या कान का पर्दा फटने का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं छोटे बच्चों के कान में तेल डालने से क्या नुकसान होता है।
कान में हो सकता है संक्रमण
विशेषज्ञों के मुताबिक, बच्चों के कान में कभी भी तेल नहीं डालना चाहिए, क्योंकि इससे कान में गंभीर संक्रमण हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि तेल में कई तरह के बैक्टीरिया होते हैं जो आंतरिक कान में पहुंचने पर संक्रमण का खतरा बढ़ा सकते हैं। कान में तेल डालने से गंदगी और धूल जाने का खतरा भी बढ़ जाता है। जिससे संक्रमण की समस्या बहुत गंभीर हो सकती है।
आंखों और नाक तक पहुंच सकता है संक्रमण
इसके अलावा कान की संरचना ऐसी होती है कि कान, नाक और आंखें एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। कान का संक्रमण आंखों और नाक तक भी फैल सकता है, जिससे कानों के साथ-साथ आंखों और नाक से संबंधित कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
कान के पर्दे को नुकसान पहुंचा सकता है
कान में तेल डालने का एक नुकसान यह है कि यह कान के पर्दे या परदे को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे सुनने में दिक्कत हो सकती है और गंभीर मामलों में बहरेपन का खतरा भी बढ़ सकता है।
कान में मवाद आ सकता है
तेल लगाने के बाद कान गीला और चिपचिपा हो जाता है। इसमें गंदगी, धूल और अन्य बैक्टीरिया हो सकते हैं। इन सबके कारण कान से मवाद निकल सकता है।