8th pay commission fitment Factor: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। खासकर फिटमेंट फैक्टर पर तीखी बहस चल रही है, जो सैलरी और पेंशन में संशोधन का मुख्य आधार है। नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने हाल ही में फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि महंगाई को देखते हुए यह कदम काफी जरूरी है।
फिटमेंट फैक्टर क्या है और यह महत्वपूर्ण क्यों है?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है जिसके ज़रिए सैलरी और पेंशन में संशोधन किया जाता है। 7वें वेतन आयोग ने 2.57 फिटमेंट फैक्टर का सुझाव दिया था, जिससे न्यूनतम सैलरी ₹7,000 से बढ़कर ₹17,990 हो गई थी। अब 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.86 रखने का सुझाव दिया गया है। अगर यह मांग मान ली जाती है तो न्यूनतम सैलरी ₹51,451 तक जा सकती है।
वेतन में कितनी वृद्धि होगी?
अगर 8वें वेतन आयोग में 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है तो केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी मौजूदा ₹17,990 से बढ़कर ₹51,451 हो सकती है। महंगाई और बढ़ती महंगाई को देखते हुए यह बढ़ोतरी जरूरी बताई जा रही है। हालांकि, कुछ अफवाहें हैं कि न्यूनतम सैलरी ₹34,000 से ₹35,000 के बीच हो सकती है, लेकिन शिव गोपाल मिश्रा ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
8वां वेतन आयोग कब बनेगा?
8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन उम्मीद है कि 2026 में इसका गठन हो जाएगा। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को इसका बेसब्री से इंतजार है। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सरकार महंगाई और बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखते हुए उचित और समय पर संशोधन करेगी।