भारत की मोदी सरकार ने यागी तूफान से तबाही झेल रहे 4 देशों के लिए ऑपरेशन सद्भावना शुरू किया है। इसके तहत सरकार अब तक दो बार राहत सामग्री और आर्थिक मदद भेज चुकी है. आइए जानते हैं इस ऑपरेशन के बारे में…
दुनिया का दूसरा सबसे शक्तिशाली तूफ़ान दक्षिणी चीन में बना और चीन को मामूली क्षति पहुँचाने के बाद, दुनिया के बाकी हिस्सों की ओर बढ़ गया। आपको बता दें कि इस तूफान का नाम बकरी के लिए जापानी शब्द यागी और मकर राशि के नाम पर रखा गया है। तूफ़ान पहली बार 6 सितंबर को चीन के तट से टकराया था। इसके बाद यह फिलीपींस, वियतनाम, थाईलैंड, म्यांमार, लाओस, नामीबिया आदि देशों की ओर बढ़ा, जहां इसने जमकर कहर बरपाया। इस तूफ़ान से अब तक 350 लोगों की जान जा चुकी है. साथ ही छोटे देशों को भी भारी आर्थिक नुकसान हुआ है.
तूफान से तबाही झेल रहे 4 देशों म्यांमार, लाओस, वियतनाम और नामीबिया की मदद के लिए भारत की मोदी सरकार ने 2 दिन पहले ‘ऑपरेशन सद्भावना’ लॉन्च किया था। इसके तहत इन देशों को आर्थिक मदद और राहत सामग्री भेजी जा रही है. ऑपरेशन के तहत अब तक दो बार मदद भेजी जा चुकी है।
अब तक काफी राहत सामग्री भेजी जा चुकी है
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ऑपरेशन सद्भावना’ के तहत वियतनाम को 10 लाख डॉलर (8.40 करोड़ रुपये) और लाओस को 1 लाख डॉलर (84 लाख रुपये) की राहत भेजी गई है. भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान ने लाओस और वियतनाम को 35 टन राहत सामग्री भेजी है. भारतीय वायुसेना के IL-76 विमान से 32 टन राहत सामग्री म्यांमार भेजी गई है. इससे पहले 21 टन राहत सामग्री भेजी गई थी. भारतीय नौसेना ने म्यांमार के यांगून में HADR ऑपरेशन शुरू किया है. इसके लिए विशाखापट्टनम से युद्धपोतों में पीने का पानी, राशन, दवाइयां, एचएडीआर पैलेट भेजे गए हैं.
म्यांमार में चक्रवात यागी से 74 लोगों की मौत हो गई है। 2.40 लाख लोग बेघर हो गए हैं. अकेले वियतनाम में 226 लोग मरे। कारखाने, अस्पताल, घर बाढ़ में बह गए हैं. लाओस में 35 लोगों की जान जा चुकी है. राहत सामग्री में पानी, खाद्य सामग्री, कंबल, दवाएं, बर्तन और सौर लालटेन शामिल हैं।