मुंबई: आमतौर पर जब किसी बड़ी हस्ती का निधन होता है तो वहां अपनी महानता का प्रदर्शन करने वाले वीआईपी लोगों की भीड़ लग जाती है और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता छपे हुए नरसंहार की तरह वहां पहुंच जाते हैं।
लेकिन आज रतन टाटा के अंतिम संस्कार में ज्यादातर भीड़ आम लोगों और छात्रों की थी। टिफिन पहनने वाले, टाटा कंपनियों के कर्मचारी, होटल के वेटर, परियां और टाटा अस्पतालों में इलाज के बाद ठीक हुए अनगिनत लोग रतन टाटा के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े, उस साक्षात भगवान ने उन्हें नया जीवन दिया। जब श्मशान परिसर में पुलिस की 21 तोपों की सलामी दी गई, तो भीड़ से जोर-जोर से नारे गूंजने लगे, ‘रतन टाटा अमर रहे… अमर रहे…’