हाई ब्लड प्रेशर: डायबिटीज की तरह हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी भी तेजी से बढ़ रही है। देश में हाई बीपी के मरीजों की संख्या 20 करोड़ से ज्यादा है. यह आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है. शरीर के लिए खतरनाक मानी जाने वाली इस समस्या से अब युवा भी जूझ रहे हैं। अगर इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो हार्ट अटैक का खतरा रहता है, हालांकि कई लोग हाई बीपी की समस्या को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि अगर हाई बीपी की समस्या है तो इसे नजरअंदाज न करें। बीपी को नियंत्रण में रखें और नियमित रूप से शरीर की जांच कराते रहें।
डॉक्टर की सलाह के मुताबिक, हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्वास्थ्य समस्याएं अब युवा पीढ़ी में भी देखी जा रही हैं। हार्ट अटैक का मुख्य कारण हाई बीपी है। ऐसे में जरूरी है कि अगर हाई बीपी की समस्या हो और किसी तरह की बेचैनी या सीने में दर्द हो तो सबसे पहले ईसीजी करानी चाहिए। ईसीजी से हृदय गति का पता लगाया जाता है जो हृदय रोगों की पहचान करने की एक विधि है। आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से दिल की बीमारियों का भी समय रहते पता लगाया जा सकता है।
डॉक्टरों का
कहना है कि देश की ज्यादातर आबादी हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित है. हाई ब्लड प्रेशर दिल के दौरे का कारण बनता है, लेकिन फिर भी लोग इस समस्या को नजरअंदाज कर देते हैं। नियमित जांच से ही इस बीमारी की पहचान की जा सकती है। हर किसी को साल में कम से कम एक बार दिल की जांच कराने की सलाह दी जाती है। इसके लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट और चेस्ट सीटी स्कैन किया जा सकता है। अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं तो हर दो दिन में अपना ब्लड प्रेशर मापें। बीपी हमेशा 120/80 mmHg से कम होना चाहिए। अगर यह बढ़ रहा है तो डॉक्टर से सलाह लें। इस मामले में लापरवाही न बरतें.
कैसे करें बचाव
हृदय रोगों को गंभीरता से लेना बहुत जरूरी है। इसके लिए समय पर स्वास्थ्य की जांच कराएं और इसका ख्याल रखें। नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से आप अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं।