वैदिक ज्योतिष में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह सूर्य का राशि परिवर्तन ही नहीं बल्कि नक्षत्र परिवर्तन का असर देश, दुनिया, मौसम और राशि पर भी पड़ता है। वैदिक ज्योतिष की गणितीय गणना के अनुसार, सूर्य ग्रह, जो वर्तमान में स्वाति नक्षत्र में स्थित है, बुधवार, 6 नवंबर, 2024 को सुबह 8:56 बजे विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करेगा। सूर्य भगवान का यह नक्षत्र परिवर्तन और विशाखा नक्षत्र का यह परिभ्रमण कई राशि वालों के जीवन में ढेर सारी खुशियां और समृद्धि लाएगा।
विशाखा नक्षत्र की मुख्य विशेषताएं क्या हैं, विशाखा नक्षत्र में सूर्य के गोचर का सामान्य प्रभाव क्या है और क्या सूर्य भगवान का यह नक्षत्र परिवर्तन इन भाग्यशाली लोगों के लिए धन और खुशी का वरदान लाएगा?
विशाखा नक्षत्र की विशेषताएँ
वैदिक ज्योतिष के अनुसार विशाखा नक्षत्र के तीन भाग तुला राशि में और अंतिम भाग वृश्चिक राशि में आता है। इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह बृहस्पति है, जो धन और ज्ञान का नियंत्रक और दाता है। अत: यह नक्षत्र एक साथ बृहस्पति, शुक्र और मंगल से प्रभावित होता है। इस नक्षत्र के दो देवता हैं, इंद्रदेव और अग्निदेव। इन सभी ग्रहों और देवताओं के प्रभाव से यहां जन्म लेने वाले लोगों को अच्छा ज्ञान मिलता है। इस नक्षत्र से प्रभावित लोगों में नेतृत्व कौशल होता है और वे हाथ में आए काम को तुरंत पूरा कर देते हैं।
विशाखा नक्षत्र में सूर्य के गोचर का सामान्य प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार विशाखा नक्षत्र में सूर्य के गोचर की अवधि आमतौर पर एक सक्रिय और ऊर्जावान अवधि होती है। इसका व्यक्ति पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस नक्षत्र में सूर्य का गोचर जातक के आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि करता है। रचनात्मक क्षमताएं बढ़ती हैं. थोड़ी सी मेहनत से भी करियर और बिजनेस में सफलता हासिल की जा सकती है और बड़ा आर्थिक लाभ भी प्राप्त हो सकता है। साथ ही सामाजिक प्रतिष्ठा और सम्मान में भी वृद्धि होती है।
इस राशि वालों को लाभ होगा
इस नक्षत्र परिवर्तन से मेष, कन्या और वृष राशि को लाभ होने वाला है। उनके रुके हुए काम सड़ने लगेंगे