सोमवती अमावस्या 2024: जप-तप-उत्सव का त्रिवेणी संगम यानि श्रावण मास समापन की ओर है। आज श्रावण मास का आखिरी सोमवार है और सोमवती अमास भी है। सोमवती अमास के स्नान और दान के साथ-साथ पितृ पूजन भी किया जाता है।
सोमवती अमास के स्नान, दान के साथ पितृ पूजन का भी महत्व
हर शिव मंदिर इस समय हर-हर भोले की ध्वनि से गूंज रहा है। लेकिन सोमवती अमास के विशेष महत्व के कारण भक्तों ने जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, बिलिपत्र चढ़ाया और भोलेनाथ की पूजा के लिए सुबह से ही शिव मंदिरों में कतार में लग गए। कई शिवालयों में बर्फीले अमरनाथ के दर्शन का भी आयोजन किया जाता है।
शिवालयों में भी भक्तों का तांता लगेगा
आखिरी बार श्रावण मास पांचवें सोमवार को सोमवती अमास के साथ वर्ष 2021 में समाप्त हुआ था। सोमवती अमास के अवसर पर सोमनाथ में भी विशेष व्यवस्था की जाती है। मंगलवार को भी बादल छाए हुए हैं। इसके बाद अब गणेशोत्सव 7 सितंबर से शुरू होगा जबकि शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से है. ऐसे में त्योहारों का सिलसिला जारी रहेगा।