रक्षा बंधन 2024: रक्षा बंधन इस बार सोमवार 19 अगस्त को है, रक्षा बंधन का पवित्र त्योहार भद्रा रहित पूर्णिमा की दोपहर को मनाने की शास्त्रीय परंपरा है। प्रचलित पंचांग गणना के अनुसार इस वर्ष 19 अगस्त 2024 दिन सोमवार को भद्रा दोपहर 1.31 बजे तक रहेगी जिसका निवास पाताल में है। धर्मशास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन का शुभ कार्य 19 अगस्त को दोपहर 1:31 बजे के बाद करना शुभ रहेगा। भद्रा काल में दोपहर में भाई की कलाई पर राखी बांधेंगी बहनें – रक्षाबंधन में भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है, हमारे शास्त्रों में भद्रा काल को अशुभ माना गया है।
रक्षाबंधन का मतलब
रक्षाबंधन का अर्थ है अपनी रक्षा के लिए किसी को राखी बांधना। राखी बांधते समय बहन कहती है कि भाई मैं आपकी शरण में हूं, मेरी हर तरह से रक्षा करना। एक भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है।
रक्षाबंधन का महत्व
भारतीय त्योहारों में रक्षाबंधन एक महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक त्योहार माना जाता है। इसकी शुरुआत लाखों वर्ष पहले देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध के दौरान हुई थी। उस समय श्रावण पूर्णिमा के दिन देवराज इंद्र की पत्नी रानी शची ने अपने पति इंद्र के हाथ पर वैदिक मंत्रों से अभिमंत्रित एक रक्षा सूत्र बांधा था और इस रक्षा सूत्र के बल पर उन्हें अपने शत्रुओं से निर्भय बनाया था। , इन्द्र ने शत्रुओं पर विजय प्राप्त की।
बदलते समय के साथ यह रक्षासूत्र बहनें अपने भाइयों को बांधने लगीं। राखी, जो पहले महिलाओं के लिए सौभाग्य की रक्षा का प्रतीक थी, अब भाई-बहन के बीच प्यार के पवित्र बंधन में बदल गई है। यह राखी युद्ध में सदैव सफलता दिलाती आई है, यह एकता का महान मंत्र है। सभी को इसे हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहिए।
रक्षा बंधन 2024 का समय और मुहूर्त:
रक्षाबंधन की तिथि: सोमवार, 19 अगस्त 2024
राखी बांधने का शुभ समय: दोपहर 01:30 बजे से रात 09:08 बजे तक
दोपहर का मुहूर्त: दोपहर 01:43 बजे से शाम 04:20 बजे तक
प्रदोष काल का मुहूर्त: शाम 06:56 बजे से रात 09:08 बजे तक
भद्रा समाप्ति का समय: दोपहर 01:30 बजे
भद्राणी पोहली: सुबह 09:51 बजे से सुबह 10:53 बजे तक
भद्रा मुख: सुबह 10:53 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक
रक्षा बंधन 2024 के अशुभ समय से बचें
भद्रा के दौरान रक्षाबंधन अनुष्ठान नहीं करना चाहिए क्योंकि इसे हिंदू धार्मिक ग्रंथों में अशुभ समय माना जाता है। भद्रा, पूर्णिमा तिथि का पहला भाग भाग में होता है। अधिक धार्मिक ग्रंथ, जैसे व्रत, पूजा भद्रा के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की सलाह नहीं देते हैं। उत्तर भारत में सुबह राखी बांधने की परंपरा है, लेकिन इस बार भद्रा के कारण रक्षाबंधन का आदर्श समय नहीं है। इसलिए सही समय पर राखी बांधकर इस त्योहार को और भी खास और यादगार बनाया जा सकता है।