उत्तर प्रदेश को अब तक कई एक्सप्रेसवे की सौगात मिल चुकी है। राज्य में एक्सप्रेसवे का नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है। इस सूची में जल्द ही एक और एक्सप्रेसवे जुड़ने वाला है। दिल्ली से सटे नोएडा और कानपुर के बीच 380 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है।
निर्माण कार्य कहां तक होगा?
नए एक्सप्रेसवे का नाम गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे होगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से न सिर्फ दिल्ली-गाजियाबाद से कानपुर की दूरी कम होगी।
9 जिलों को जोड़ेगा
गाजियाबाद से कानपुर तक बनने वाला यह एक्सप्रेसवे 9 जिलों को जोड़ेगा. इसमें गाजियाबाद, हापुड, बुलन्दशहर, अलीगढ, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव और कानपुर जिला शामिल है।
इसे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा
इस एक्सप्रेसवे की सबसे खास बात यह है कि यह एक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा। यहां औद्योगिक केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे।
एक्सप्रेसवे 4 लेन का होगा
जानकारी के अनुसार, शुरुआत में यह 4 लेन का एक्सप्रेसवे होगा, जिसे बाद में 6 लेन तक बढ़ाया जा सकता है।
समय कम हो जाएगा
नई दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों से कानपुर जाते समय ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी, वहीं समय की भी बचत होगी।
दूरी कम हो जाएगी
इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद गाजियाबाद से कानपुर पहुंचने में करीब 5.30 घंटे का समय लगेगा। इस एक्सप्रेसवे के जरिए बाद में कानपुर को नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से भी जोड़ने की योजना है।
इसे कहां जोड़ा जाएगा?
इसका उत्तरी छोर एनएच-9 (गाजियाबाद-हापुड़ हाईवे) से जुड़ेगा, जबकि दक्षिणी छोर 62.7 किलोमीटर लंबे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा।
इसे मेरठ एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा।
पहले इसे हापुड़ से कानपुर तक बनाया जाना था लेकिन इसमें बदलाव किया गया। हापुड़ को एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए 60 किलोमीटर लंबी कनेक्टर रोड बनाई जाएगी। इस एक्सप्रेसवे को हापुड़ में मेरठ एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा।
कई शहरों को होगा फायदा
गाजियाबाद और कानपुर के बीच एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद दिल्ली-एनसीआर से यूपी के कई शहरों तक पहुंच आसान हो जाएगी। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।