भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इंडिया अगेंस्ट कैंसर की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 27 लाख लोग कैंसर का इलाज करा रहे हैं। इनमें से 8.5 लाख लोगों की मौत साल 2020 में कैंसर की वजह से हुई.
अगर किसी व्यक्ति की जीभ अचानक काली पड़ जाए तो यह गले में संक्रमण या बैक्टीरियल संक्रमण का शुरुआती संकेत हो सकता है। इससे मधुमेह के रोगियों की जीभ का रंग भी काला पड़ने लगता है। कैंसर में भी जीभ का रंग काला पड़ने लगता है। इसके साथ ही पेट के अल्सर और बैक्टीरियल संक्रमण में भी जीभ का रंग काला हो जाता है।
मुंह के कैंसर के 8 लक्षण- ढीले दांत, गर्दन के चारों ओर गांठ जैसा दिखना, होठों पर सूजन या घाव जो ठीक नहीं हो रहे, निगलने में कठिनाई या दर्द
बोलने में बदलाव, मुंह में खून आना या सुन्न होना, जीभ या मसूड़ों पर सफेद या लाल धब्बे, बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम होना
मुंह के कैंसर का इलाज क्या है?- मुंह के कैंसर का इलाज उसके प्रकार, स्थान और स्थिति पर निर्भर करता है। सीटी और एमआरआई स्कैन जैसे परीक्षण बताते हैं कि कैंसर कितना फैल चुका है। डॉक्टर स्टेजिंग के जरिए इलाज का निर्णय लेते हैं।
मुंह के कैंसर का सामान्य इलाज सर्जरी है, जिसकी मदद से ट्यूमर को हटा दिया जाता है। प्रारंभिक चरण के कैंसर में सर्जरी प्रभावी हो सकती है। कुछ छोटे मौखिक कैंसर का इलाज रेडियोथेरेपी से किया जा सकता है। कीमोथेरेपी में, ट्यूमर को मारने या छोटा करने के लिए दवा का उपयोग किया जाता है।