कैबिनेट के फैसले: केंद्रीय कैबिनेट ने कई योजनाओं को मंजूरी दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने चेन्नई मेट्रो फेज 2 को मंजूरी दे दी है। इस फेज में तीन कॉरिडोर बनाए जाएंगे, जिसमें कुल 120 स्टेशन होंगे। यह कॉरिडोर चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड बनाएगी। इसकी कुल लागत 63,246 करोड़ रुपये आएगी, जिसे केंद्र और राज्य आधा-आधा वहन करेंगे। इसके अलावा रेलवे कर्मचारियों के लिए उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) को मंजूरी दी गई है। रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस दिया जाएगा। कैबिनेट के फैसले से 11.72 लाख रेलवे कर्मचारियों को फायदा होगा।
2029 करोड़ रुपये की पीएलबी योजना को मंजूरी, 58,642 पदों पर हो रही है भर्ती
सूचना प्रसारण एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘रेलवे कर्मचारियों के अच्छे प्रदर्शन के लिए मंत्रिमंडल ने 2,029 करोड़ रुपये के उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) को मंजूरी दी है, जिससे 11,72,240 कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।’ सरकार के अनुसार, यह राशि विभिन्न श्रेणी के रेल कर्मचारियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, ‘पॉइंट्समैन’, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य कर्मचारियों को दी जाएगी।
119 किलोमीटर लंबे दूसरे चरण को तीन कॉरिडोर में विभाजित किया जाएगा
चेन्नई मेट्रो फेज 2 परियोजना पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 63,246 करोड़ रुपये की लागत से चेन्नई मेट्रो के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है। 119 किलोमीटर लंबे इस दूसरे चरण को 3 कॉरिडोर में विभाजित किया जाएगा और इसमें 120 स्टेशन होंगे। 120 स्टेशन इसलिए बनाए जा रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने घरों से पैदल दूरी पर मेट्रो का इस्तेमाल कर सकें। अगर आप टोक्यो का उदाहरण देखें तो वहां हर जगह से पैदल दूरी पर मेट्रो उपलब्ध है। चेन्नई मेट्रो में भी यही तरीका अपनाया जाएगा।’
एक लाख करोड़ रुपये की दो कृषि विकास योजनाओं को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय वाली दो प्रमुख कृषि योजनाओं को मंजूरी दी है। इन योजनाओं के नाम हैं ‘पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना’ (पीएम-आरकेवीवाई) और ‘कृषि उन्नति योजना’ (केवाई)। मंत्रिमंडल ने टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए पीएम-आरकेवीवाई और आत्मनिर्भरता के लिए खाद्य सुरक्षा हासिल करने के लिए कृषि उन्नति योजना को मंजूरी दी। इन दोनों कृषि योजनाओं पर कुल 1,01,321.61 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
राष्ट्रीय खाद्य तिलहन मिशन को मंजूरी दी गई
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खाद्य तेल-तिलहन पर राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी दे दी। इस योजना पर अगले छह साल यानी वित्त वर्ष 2030-31 तक 10,103 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार ने बताया कि मिशन का लक्ष्य प्राथमिक तिलहन उत्पादन को वर्ष 2022-23 के 3.9 करोड़ टन से बढ़ाकर वर्ष 2030-31 तक 6.97 करोड़ टन करना है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने को मंजूरी दी।