जिमीकंद को सूरन और बिहार, पूर्वांचल के इलाकों में ‘ओल’ के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह की जड़ वाली सब्जी है, जो जमीन के नीचे उगती है। एक बार बोने के बाद यह सालों तक उगती रहती है। इसे अचार और सब्जी के रूप में खाया जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि यह सेहत के लिए कितना फायदेमंद है।
जिमीकंद अपने औषधीय गुणों के कारण कई बीमारियों के लिए रामबाण माना जाता है। इसमें कार्ब्स, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी1, विटामिन बी6, फोलिक एसिड और बीटा कैरोटीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में योगदान देते हैं। यहां आप इसके कुछ अद्भुत लाभों के बारे में जान सकते हैं।
पाचन समस्या में फायदेमंद
जिमीकंद में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। कब्ज, अपच, गैस, एसिडिटी जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए जिमीकंद एक कारगर उपाय हो सकता है। इसके नियमित सेवन से पाचन क्रिया बेहतर होती है और पेट की समस्याओं से राहत मिलती है।
मोटापे से छुटकारा पाएं
वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए जिमीकंद रामबाण साबित हो सकता है। जिमीकंद का सेवन करने से पेट भरा हुआ महसूस होता है और भूख कम लगती है। ऐसे में यह शरीर में मोटापा कम करने में मददगार साबित होता है।
एनीमिया की रोकथाम
जिमीकंद में आयरन की भरपूर मात्रा होती है, जो एनीमिया को रोकने में मदद करता है। जिमीकंद खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है और एनीमिया दूर होता है।
जोड़ों के दर्द और सूजन में प्रभावी
जिमीकंद में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। गठिया के रोगियों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि यह सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है।
बवासीर के उपचार में सहायक
बवासीर से पीड़ित मरीजों को जिमीकंद की सब्जी खाने की सलाह दी जाती है। खूनी बवासीर से पीड़ित मरीजों को जिमीकंद को छाछ के साथ उबालकर खाने से राहत मिल सकती है। इसके अलावा जिमीकंद का चूर्ण बनाकर खाने से भी बवासीर में आराम मिल सकता है।