जामनगर के नवाला नोर्टा में प्राचीन गरबी में पारंपरिक रास प्रस्तुत करते बच्चों को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। तभी जामनगर में युवाओं द्वारा रचित मशाल रास ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया है. पिछले 8 दशकों से खेली जा रही इस गरबी में अंगारा रास लोगों को खूब आकर्षित करता है.
पौराणिक गरबी की लोकप्रियता बरकरार
पुरातन रासोत्सवों के बीच भी पौराणिक गरबी की लोकप्रियता आज भी बरकरार है। शहर के रणजीतनगर पटेल समाज के पास पिछले 80 वर्षों से हो रहे पटेल युवा गरबी मंडल की गरबी में काठियावाड़ी परिधान पहने युवाओं द्वारा किया जाने वाला रास-गरबा ने लोगों का खूब ध्यान खींचा। खासकर अंगारा रास जिसमें आग के बीच युवाओं द्वारा प्रस्तुत कला ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है. प्राचीन गरबी में, गरबी के मैदान पर कपास छिड़क कर आग लगा दी जाती है और खिलाड़ी टिमटिमाती आग में खेलते हैं, जिससे देखने वाले मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
8 दशकों तक गरबी का आयोजन हुआ
जामनगर के रणजीतनगर में पटेल युवा गरबी मंडल द्वारा 8 दशकों से आयोजित गरबी आज भी उसी जोश और जुनून के साथ मनाई जाती है। जिसमें कई बुजुर्गों को कई साल पहले गरबी में गरबारा खेलने का आनंद आज भी याद है. वर्तमान में गरबी वादकों की तीसरी पीढ़ी खेल रही है, पटेल युवा गरबी मंडल का आकर्षण 14 युवाओं द्वारा अंधेरे में खेला जाने वाला अंगारा रास है। इसके साथ ही यह गरबी मंडल आज के समय में अर्वाचीन गरबा के सामने खेले जाने वाले कई प्रकार के रास जैसे तलवार रास, दत्रदान रास, कन्बी रास प्रस्तुत करता है।