चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा का आज दूसरा दिन यानी खरना का दिन है. हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना का त्योहार मनाया जाता है, जो छठ पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस साल खरना का त्योहार 6 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन भक्त विशेष संकल्प के साथ पूजा करते हैं और सूर्य भगवान को प्रसाद चढ़ाते हैं।
खरना की पूजा शाम को की जाती है, जो दिन का सबसे शुभ क्षण होता है। आज सर्वार्थ सिद्धि और सुकर्म योग बन रहा है।
खरना पूजा विधि
खरना के दिन व्रती सुबह से ही निर्जला व्रत रखते हैं और शाम को खरना का प्रसाद बनाया जाता है. प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के ओवन का उपयोग किया जाता है, जो छठ पूजा परंपरा का हिस्सा है। आम की लकड़ी का उपयोग चूल्हा जलाने के लिए किया जाता है, जिससे वातावरण पवित्र होता है। प्रसाद के रूप में गुड़ और चावल की खीर बनाई जाती है और इसके साथ गेहूं के आटे की रोटी भी बनाई जाती है. यह प्रसाद छठी मैया और भगवान सूर्य को अर्पित किया जाता है।
प्रसाद में उपयोग होने वाली वस्तुएं
खार के प्रसाद में आमतौर पर गुड़ और चावल की खीर होती है, जिसे आम की लकड़ी पर मिट्टी के ओवन में पकाया जाता है। यह पारंपरिक विधि है जो छठ पूजा की पवित्रता को बनाए रखती है। हलवे के साथ गेहूं के आटे की रोटी भी बनाई जाती है, जिसे व्रतधारी भगवान को भोग लगाने के बाद खाते हैं. इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करने के बाद भक्त 36 घंटे तक बिना पानी के व्रत रखने का संकल्प लेते हैं।
2024 में खरना का शुभ मुहूर्त
इस साल 6 नवंबर, बुधवार को सर्वार्थ सिद्धि और सुकर्मा योग से विशेष शुभ संयोग बन रहा है। आज पटना में सूर्यास्त का समय शाम 5:05 बजे होगा और खरना पूजा का शुभ समय शाम 5:29 बजे से शाम 7:48 बजे तक है. इस दौरान व्रती श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करते हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। खरना पूजा की यह विधि छठ पूजा का आधार है और इस दिन की जाने वाली पूजा से व्रती को मानसिक शांति, पवित्रता और ऊर्जा का एहसास होता है।