आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में नींद न आना एक आम समस्या बन गई है। अनिद्रा की वजह से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में नींद न आने की समस्या को दूर करने के लिए कई आसान और प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं, जो नींद की गोलियों से कम नहीं हैं।
आयुर्वेद नींद के बारे में क्या कहता है?
आयुर्वेद के अनुसार, नींद, आहार और ब्रह्मचर्य स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन को बेहतर बनाती है और शरीर को स्वस्थ रखती है। अष्टांग हृदयम नामक प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथ में भी नींद के महत्व पर जोर दिया गया है।
अच्छी नींद क्यों महत्वपूर्ण है?
अच्छी नींद पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है, जिससे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं। इससे तनाव कम होता है। इसके साथ ही अच्छी नींद शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है।
नींद की समस्या को हल करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार,
सोने से पहले नहा लें
सोने से पहले गुनगुने पानी से नहाने से शरीर की थकान दूर होती है और अच्छी नींद आने में मदद मिलती है।
सोने से पहले खाना न खाएं
सोने से कम से कम दो घंटे पहले खाना खा लें। ऐसा करना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि कई बार खाना पचाने की प्रक्रिया के कारण आपको अच्छी नींद नहीं आती।
वज्रासन में बैठें
खाना खाने के बाद 15-20 मिनट तक वज्रासन करने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और नींद में खलल नहीं पड़ता।
अपने पैरों को गुनगुने पानी में भिगोएं
सोने से पहले अपने पैरों को कुछ देर गुनगुने पानी में भिगोएं। इससे रक्त संचार बेहतर होता है।
पैरों की मसाज
पैरों की हल्की मालिश से रक्त संचार भी बेहतर होता है और नींद भी अच्छी आती है। तिल के तेल से मालिश करने से ज़्यादा फ़ायदे मिलते हैं।
एक किताब पढ़ी
सोने से पहले एक अच्छी किताब पढ़ने से मन शांत होता है और अच्छी नींद आने में मदद मिलती है।
इन बातों का भी रखें ध्यान
अनिद्रा से छुटकारा पाने के लिए दिन में नियमित रूप से व्यायाम करें। कैफीन और शराब का सेवन कम करें। इसके अलावा सोने से पहले मोबाइल या कंप्यूटर का इस्तेमाल न करें।